दिल्ली पुलिस ने फरवरी में देश की राजधानी के उत्तरी-पूर्वी हिस्से में हुई सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की साजिश से संबंधित मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और छात्र शरजील इमाम के खिलाफ कडकड़ड़ूमा कोर्ट में चार्जशीट पेश की है। 

सूत्रों के अनुसार पुलिस ने खालिद, इमाम और एक अन्य आरोपी फैजान खान के खिलाफ कठोर गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया है। 200 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में उमर खालिद और शरजील इमाम प्रमुख आरोपी हैं। इस दंगे में 53 लोगों ने जान गंवाई थी। गौरतलब है कि उमर और शरजीज दोनों दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र रह चुके हैं।

चार्जशीट के मुताबिक, खालिद अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान दंगे भड़काना चाहता था, जिससे अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज मिले जिससे अल्पसंख्यक विरोधी नागरिकता (संशोधन) कानून को वापस लेने का दबाव बन सके। इस केस में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सितंबर में दायर पहले और प्रमुख आरोप पत्र में 15 लोगों पर कई आपराधों को अंजाम देने के आरोप लगाए गए। इसमें बताया गया कि दंगे के लिए किस तरह की साजिश रची गई और योजना को अंजाम दिया गया। 28 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने खालिद और इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमित दे दी जिसके बाद 22 नवंबर को दूसरा या पूरक आरोप पत्र दायर किया गया।

कोर्ट में पेश चार्जशीट के अनुसार जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन के पूर्व लीडर उमर खालिद ने उत्तर पूर्व दिल्ली के चांद बाग में कथित तौर पर गुप्त कार्यालय बना रखा था, जहां से वो कथित तौर पर दूसरे साजिशकर्ताओं के साथ देर रात में मीटिंग करता था। चांद बाग वही इलाका है जहां पहले चरण के दंगे के दौरान भारी हिंसा फैली और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों पर हमले हुए। इन्हीं हमलों में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई। 

स्पेशल सेल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि केंद्रीय कैबिनेट ने सीएए को संसद में पेश करने की जैसी ही मंजूरी दी, खालिद पूरे देश में समान सोच वाले लोगों के साथ संपर्क कर साजिश में जुट गया। उसने शरजील इमाम के जरिए मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू (एमएसजे ) नामक समूह बनाया। पुलिस के अनुसार खालिद ने एमएसजे का इस्तेमाल दिसंबर 2019 में साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में हिंसा भडक़ाने में किया जिसके बाद शाहीन बाग का धरना शुरू हो गया। उसके बाद उसने मौजूदा केंद्र सरकार से नफरत करने वालों का एक गठबंधन बनाने की योजना पर आगे बढ़ा और वॉट्सएप पर दिल्ली प्रॉटेस्ट सपॉर्ट ग्रुप बन गया। खालिद के प्रयासों से ही एक महीने के अंदर 24 अन्य जगहों पर शाहीन बाग जैसा धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया और उसने ही 23/24 फरवरी के दंगों को अंजाम दिलवाया।