ब्रिटेन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की ओर से विकसित एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन के मेडिसीन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट रेगुलेटरी अथॉरिटी(एमएचआरए) ने यह मंजूरी दी है। एमएचआरए के इस कदम से कोविड-19 के रोकथाम में मदद मिलेगी और उन हजारों उम्रदराज लोगों को वैक्सीन की खुराक सुलभ होंगे , जिन्हें इसकी सर्वाधिक जरुरत है। 

एमएचआरए का मानना है कि एस्ट्राजेनेका का संग्रहण अन्य वैक्सीन की तुलना में अधिक सुविधाजनक है तथा इसे केवल 2-8 सेल्सियस तापमान में सुरक्षित रखा जा सकता है जिससे इसके परिवहन में आसानी होगी। एमएचआरए के मुताबिक ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की पहली खेप की आपूर्ति पहले ही हो चुकी है तथा यहां की फैक्ट्रियों में और वैक्सीन बनाये जायेंगे। इसके अलावा एक करोड़ खुराक के ऑर्डर दिये जा चुके हैं जिनमें 40 लाख खुराक अगले कुछ दिनों में उपलब्ध हो जायेगी। 

बता दें कि भारत में पुणे की सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया यानी एसआईआई इस वैक्सीन का निर्माण कर रही है। ब्रिटेन में वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद इसे इस हफ्ते भारत में भी आपातकालीन मंजूरी मिलने का रास्ता खुल गया है। यह फैसला नैदानिक परीक्षणों और एमएचआरए के विशेषज्ञों द्वारा डाटा का गहन विश्लेषण करने के बाद लिया गया है। विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला कि वैक्सीन ने सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावशीलता के अपने सख्त मानकों को पूरा किया है। इसके बाद सरकार ने वैक्सीन के उपयोग को अपनी मंजूरी दे दी। ब्रिटेन में वैक्सीन को मिली अनुमति सीरम इंस्टीट्यूट के लिए एक बहुत बड़ा फैसला है क्योंकि वह भारत में टीका बनाने वाले शीर्ष तीन निर्माताओं में से एक है। सीरम पहले ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के साथ विनियामक अनुमोदन के लिए आवेदन कर चुका है, लेकिन अभी तक इसे टीके के लिए अनिवार्य अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ है।