कोरोना संक्रमण के चलते हुए लाॅकडाउन की वजह से ट्रैवल इंडस्ट्री को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। लेकिन अब धीरे-धीरे लोग घरों से घूमने के लिए निकलने लगे हैं। कोरोना वायरस ने अधिकतर देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया था। इनमें संयुक्त अरब अमीरात की अर्थव्यवस्था भी थी। अब संयुक्त अरब अमीरात ने अपनी अर्थव्यस्था को सुधारने के लिए कुछ बड़े एलान किए हैं।
संयुक्त अरब अमीरात ने अपने यहां आने वाले निवेशकों और वैजानिक, डॉक्टर, इंजीनियर जैसे पेशेवर लोगों को परिवार सहित नागरिकता लेने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। संयुक्त अरब अमीरात ने नागरिकता कानूनों में संशोधन का फैसला लिया है। विदेश में बसने की ख्वाहिश रखने वालों के लिए ये एक बेहद अच्छी खबर है। भारत के अलग.अलग क्षेत्रों से हर वर्ग के लोग रोजगार के लिए संयुक्त अरब जाते हें।

यूएई ने जिन विदेशियों के लिए नागरिकता प्रक्रिया को आसान किया है। उनमें निवेशक, डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, कलाकार, विशेष प्रतिभा वाले लोग लेखक और उनके परिवार के लोगों समेत अन्य  शामिल हैं। इस बात की जानकारी दुबई के शासक शेख मुहम्मद बिन राशिद अल मख्तूम ने ट्वीट करके दी।

यह कानून संयुक्त अरब अमीरात के वर्तमान पासपोर्ट वाले लोगों को यह नागरिकता देगा लेकिन अभी नए पासपोर्ट धारकों को नागरिकता की सुविधा मिलेगी या नहीं यह साफ नहीं है। साथ ही यूएई सरकार अपनी वीजा पॉलिसी को भी और लचीला बनाने जा रही है। जिससे यूएई में निवेशक, छात्र और पेशेवर लंबे समय तक रह सकें। आपको बताया दें कि उत्तर भारत के ज्यादातर लोग नौकरी के उद्देश्य से दुबई जाते हैं।

संयुक्त अरब अमीरात में 90 लाख लोगों का घर हैं। जिसमें केवल 10वां शख्स ही यूएई का नागरिक है। नवंबर 2020 में यूएई ने विदेशी पेशेवरों को 10 साल का गोल्डन वीजा जारी करने का एलान किया था।