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पुडुचेरी में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की सरकार अल्पमत में आ चुकी है। यहां कांग्रेस और डीएमके के एक-एक अन्य विधायकों ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद 33 सदस्यों वाली विधानसभा में सिर्फ 25 विधायक ही हैं। लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस-डीएमके गठबंधन में सिर्फ 11 विधायक ही बचे हैं। वहीं, कांग्रेस-डीएमके की सरकार को 22 फरवरी को अपना बहुमत भी साबित करना है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब वी नारायनसामी की सरकार गिर सकती है।
पुडुचेरी सरकार में शामिल कांग्रेस के एमएलए के लक्ष्मीनारायण और डीएमके के विधायक वेंकटेसन ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अब वी. नारायनसामी की सरकार में सिर्फ 11 विधायक बचे हैं। वहीं, विपक्ष में 14 विधायक हैं। के लक्ष्मीनारायण और वेंकटेसन ने अपना इस्तीफा अलग अलग समय में स्पीकर वी पी सिवाकोलुंधु को उनके घर जाकर सौंपा। इस्तीफा के बाद मीडिया से बात करते हुए के लक्ष्मीनारायण ने कहा कि नारायमसामी की सरकार अपना बहुमत खो चुकी है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से भी इस्तीफा भी दे दिया है।
विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद वेंकटेसन ने कहा कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। लेकिन वो पार्टी में बने रहेंगे। उन्होंने इस्तीफे की वजह बताते हुएकहा कि मैं अपने लोगों से नहीं मिल पा रहा था। न ही एमएलए फंड के तहत मुझे पैसे मिल रहे थे। ऐसे में मेरा पद पर बने रहना ठीक नहीं था।
कांग्रेस के चार विधायकों जिसमें ए नमासियम और मल्लाडी क्रृष्णा राव मंत्री थे, उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। एक विधायक को अयोग्य ठहरा दिया गया था। वहीं, पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री के नजदीकी विधायक ए जॉन कुमार ने भी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद अब तक कांग्रेस-डीएमके के 7 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और एक विधायक के अयोग्य ठहराए जाने के बाद से विधानसभा में सिर्फ 25 सदस्य बचे हैं।
विधायकों के लगातार इस्तीफे की वजह से पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलिसाई साउंडराजन ने मुख्यमंत्री वी. नारायणस्वामी को 22 फरवरी को बहुमत साबित करने को कहा है। जिसके बाद माना जा रहा है कि कुछ ही समय में कांग्रेस-डीएमके की सरकार गिर जाएगी।
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