Twitter ने हाल ही में नया डिजाइन जारी किया है। इसमें फॉन्ट्स आए थे और लेआउट में भी थोड़े बदलाव किए गए थे। अब इससे एक बड़ी बहस छिड़ गई है। लोग सरदर्द, आंखों में तकलीफ और ब्लर्ड विजन की शिकायत कर रहे हैं।

पिछले कुछ दिनों से लगातार कई ट्विटर  यूजर्स इसके बारे में लिख रहे हैं और कंपनी से नए डिजाइन को लेकर शिकायत कर रहे हैं। कई यूजर्स ने शिकायत की है नए डिजाइन से आंखों पर जोर पड़ रहा है और सरदर्द भी हो रहा है।

आपको बता दें कि ट्विटर ने फॉलो बटन से लेकर कई ऑप्शन का कलर बदल दिया है और कॉन्ट्रास्ट कर दिया गया है। फॉन्ट को लेकर भी लोगों की ट्विटर पर दो राय है। कुछ लोग इसे अच्छा बता रहे हैं तो कुछ लोगों का मानना है कि इससे आंखों को तकलीफ हो रही है।

नए डिजाइन च्वाइस को लेकर कंपनी को कई शिकायतें भी मिली हैं। कुछ लोगों का कहना है कि ऑटिस्टिक शख्स के लिए हाई कॉन्ट्रास्ट सही नहीं है और उन्हें इससे परेशानी होगी।

कुछ ट्वीट्स में लोगों ने ये भी कहा है कि लगातार फॉन्ट को देखते रहने के बाद विजन ब्लर की भी शिकायत हो रही है। Chirp फॉन्ट की वजह से कई लोगों ने कहा है कि उन्हें पढ़ने में भी समस्या हो रही है।

कुछ ट्विटर यूजर्स कह रहे हैं कि उन्हें मेडिकल कंडीशन है और ट्विटर के नए फॉन्ट्स की वजह से उन्हें सरदर्द हो रहा है। गौरतलब है कि हाल ही में ट्विटर ने यूजर्स से पूछा था कि नए फॉन्ट से अगर सरदर्द, माइग्रेन या आंखों में स्ट्रेन पड़ रहा है तो कंपनी को बताएं।

ट्विटर ने अब कहा है कि कंपनी सभी बटन का कॉन्ट्रास्ट चेंज कर रही है, क्योंकि यूजर्स ने कहा था कि इससे उनकी आंखों को तकलीफ हो रही है। ट्विटर के मुताबिक कंपनी लोगों को सुन रही है और इसी हिसाब से बदलाव कर रही है।

गिज्मोडो की एक रिपोर्ट के मुताबिक डिसेबल्ड लिस्ट के फाउंडिंग मेंबर ऐलेक्स हागार्ड ने कहा है कि ट्विटर के इस डिजाइन चेंज इस बात का उदाहरण है कि ऐक्सेसिब्लिटी ऐसी चीज नहीं है जिसे एक साइज का बना कर आप सबके लिए फिट कर दें।

अब देखना दिलचस्प होगा कि ट्विटर इसे लेकर क्या करता है। बेहतर ये होता कि कंपनी नए डिजाइन चेंज को ऑप्शनल रखता। यानी जिसे ये डिजाइन चेंज पसंद आता वो इसे यूज करते बाकी के यूजर्स पुराना डिजाइन यूज करते। बाद में अगर ज्यादातर लोग नए डिजाइन को अपना लेते तो कंपनी पुराना डिजाइन हटा सकती थी।