किसान आंदोलन में भड़काऊ पोस्ट करने वाले अकाउंट्स माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने बंद कर दिया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने भड़काऊ पोस्ट करने वाले अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए ट्विटर को कड़ी फटकार लगाई थी, जिसके चलते ट्विटर ने करीब 97 फीसदी ऐसे अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है जो भड़काऊ पोस्ट के माध्यम से लगातार सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहे थे। 

गौरतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने ‘भड़काऊ कंटेंट’ से संबंधित पोस्ट करने वाले कई अकाउंट्स को ब्लॉक करने की मांग की थी। ये वो खाते हैं, जो ‘किसान जनसंहार’ जैसे हैशटैग का इस्तेमाल कर रहे थे। सूत्रों की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने दो बार अपील के जरिए 1,435 खातों को चिन्हित किया था, जिसमें से कंपनी ने 1,398 खातों को ब्लॉक कर दिया है। 

बुधवार देर शाम को सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी और ट्विटर पब्लिक पॉलिसी उपाध्यक्ष मोनिक मेचे और जिम बेकर के बीच बैठक हुई। इस बैठक के बाद अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी ने ऐसे उपयोगकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू की, जिन्हें सरकार ने चिन्हित किया था। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि ट्विटर ने ब्लॉक किए गए खातों की एक सूची बनाकर मंत्रालय को सौंप दी है और बाकी बचे अकाउंट्स को लेकर प्रक्रिया जारी है, इसमें यूजर्स को नोटिस भेजने जैसे कदम शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने जिन 1,178 अकाउंट्स के पाकिस्तान और खालिस्तान से जुड़े होने की संभावना जताई थी, उन्हें ब्लॉक कर दिया गया है। जिन 257 ट्विटर अकाउंट्स से विवादित हैशटैग चलाया गया था, उनमें से 220 को ब्लॉक कर दिया गया है। सूत्र ने बताया कि इनमें से कुछ अकाउंट डुप्लीकेट भी हो सकते हैं। सूत्र ने जानकारी दी कि सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम और कारवां मैगजीन के जैसे अकाउंट्स काम कर रहे हैं। एक सरकारी सूत्र ने जानकारी दी कि ट्विटर के इस कदम की हम सराहना करते हैं। सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा कि ट्विटर को इसका पालन करना चाहिए।