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म्यांमार में तख्तापलट के बाद सोशल मीडिया पर भी सख्त पहरा है। यहां ट्विटर और इंस्ट्राग्राम के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है। इस बीच, देश के सबसे बड़े शहर यंगून में लोगों ने बर्तन और प्लास्टिक बोतलें बजाकर सैन्य तख्तापलट के प्रति विरोध जताया है।
सैन्य सरकार ने फेसबुक और अन्य एप पर पाबंदी लगाने के अलावा संचार ऑपरेटरों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को ट्विटर और इंस्टाग्राम के इस्तेमाल पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है। एक बयान में कहा गया है कि कुछ लोग फर्जी खबरें फैलाने के लिए इन दोनों प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के बाधित होने और उन्हें बंद किए जाने पर नजर रखने वाले नेटब्लॉक्स ने इस बात की पुष्टि की है कि रात दस बजे से ट्विटर सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इंस्टाग्राम पर पहले ही पाबंदी लगाई जा चुकी है। म्यांमार में काम कर रही नॉर्वे की दूरसंचार कंपनी टेलीनॉर ने कहा है कि उसने आदेश का पालन किया है, लेकिन साथ ही निर्देश की आवश्यकता पर सवाल भी उठाए हैं।
सेना के स्वामित्व वाले ‘मयावाडी टीवी’ ने देश के संविधान के अनुच्छेद 417 का हवाला दिया जिसमें सेना को आपातकाल में सत्ता अपने हाथ में लेने की अनुमति हासिल है। प्रस्तोता ने कहा कि कोरोना वायरस का संकट और नवंबर चुनाव कराने में सरकार का विफल रहना ही आपातकाल के कारण हैं। सेना ने 2008 में संविधान तैयार किया और चार्टर के तहत उसने लोकतंत्र, नागरिक शासन की कीमत पर सत्ता अपने हाथ में रखने का प्रावधान किया।
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