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उत्तराखंड में कुदरत कई तरह के कहर बरपा रही है। यहां बादल फटने की घटना तो आम बात हो गई है। इसी तरह से अब ग्लेशियर टुटने की खबरे आ रहा है। बताया जा रहा है कि बादल फटने से काफि नुकसान हुआ है और अब ग्लेशियर टुटने वाला है जिससे भारी नुकसान हो सकता है। इस साल दो बार ग्लेशियर टूटने की प्राकृतिक आपदाओं को उत्तराखंड झेल चुका है।
वैज्ञानिकों की एक टीम ने चमोली ज़िले में ग्लेशियरों का हवाई मुआयना किया है यह एरियल सर्वे ऋषिगंगा नदी के उद्गम पर बने ग्लेशियरों को जानने के लिए किया गया है। इस सर्वे की रिपोर्ट वैज्ञानिकों की टीम जल्द ही सरकार को सौंपेंगी। वैसे तो अब तक यह तारीख तय नहीं हुई है कि रिपोर्ट कब तक सौपी जाएगी। वैज्ञानिकों ने यह सर्वे के बाद ग्रामीणों ने यह आशंका जताई कि ग्लेशियर में क्रैक देखे गए थे।
जानकारी दे दें कि पिछले चार महीनों में उत्तराखंड में दो बार ग्लेशियरों के फटने का कहर टूट चुका है। आपको बता दें कि भारत और चीन बॉर्डर के पास स्थित चमोली ज़िले की नीति वैली में सुमना नाम की जगह पर ग्लेशियर फटने की घटना बीते 23 अप्रैल को हुई थी। इससे चमोली ज़िले के ही जोशीमठ में हुई इस घटना के कारण धौली गंगा नदी में भारी बाढ़ आई थी, जिससे काफी तबाही देखी गई थी और 50 शव बरामद हुए थे।
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