पश्चिमी त्रिपुरा, शिपाहिजला एवं खोवई जिलों में पिछले नौ घंटों से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त है और तीन हजार से अधिक परिवार बेघर हो गये हैं। इसी बीच आपदा की गंभीरता को देखते हुए त्रिपुरा में बाढ़ प्रभावित इलाकों में केंद्र ने बचाव और राहत कार्यों की निगरानी करने के आदेश दिए हैं। 

इसके तहत एनडीआरएफ के जवानों को राज्य प्रशासन की सहायता के लिए भेजा गया है। गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने कहा, "हम अपनी टीमों के संपर्क में हैं।" रिजिजू ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दल की एक टीम शुक्रवार को पश्चिम त्रिपुरा जिले के आश्रम चमन कॉलोनी गांव के लिए रवाना हुई। अगरतला में भारी बारिश के बाद होआ नदी में जलस्तर बढ़ गया जिसके कारण बाढ़ आ गई है।

बचाव अभियान के दौरान, टीम ने शनिवार को 357 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला। शनिवार को ही 372 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। रिजिजू ने कहा, बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ के जवान अब जिले के प्रतापगढ़ गांव में गए हैं।

शुक्रवार से लगातार बारिश के चलते अगरतला में सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।जिसके कारण यातायात रोक दिया गया और कई दुकानों को बंद कर दिया गया। इसके अलावा निरंतर बारिश के कारण सरकारी कार्यालयों, बैंकों, स्कूलों और कॉलेजों में उपस्थिति निम्न थी।

मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगरतला में पिछले 24 घंटो के दौरान 170.3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गयी। क्षेत्र में मानसून के सक्रिय रहने के कारण अगले 48 घंटाें के दौरान त्रिपुरा में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।