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तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के सोमवार को नागालैंड के मोन जिले में चार दिसंबर की गोलीबारी (nagaland firing case) में मारे गए नागरिकों के परिवारों से मिलने जाने की संभावना थी, लेकिन प्रभावित क्षेत्र में नागालैंड सरकार द्वारा धारा 144 लागू किए जाने के बाद इस प्रतिनिधिमंडल ने यात्रा रद्द कर दी।
यात्रा रद्द होने के बाद प्रतिनिधिमंडल दल के सदस्यों में से एक मिजोरम के पूर्व महाधिवक्ता बिस्वजीत देब ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, हमें पता चला कि क्षेत्र में धारा 144 लगाया गया है। हमें जोरहाट हवाईअड्डे (Jorhat Airport) से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। वाहन की आवाजाही को निलंबित कर दिया गया है और किसी भी सभा की अनुमति नहीं दी जा रही है। हम अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए वहां जाने की कोशिश कर रहे थे, न कि राजनीतिक अशांति पैदा करने के लिए। इसलिए हमने अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया। स्थिति सामान्य होने के बाद हम वहां जाएंगे।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) की राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव (sushmita dev) ने कहा, ‘‘नागालैंड की समस्या बहुत गहरी है और भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह और बढ़ गई है। गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) पूरी तरह से विफल रहे हैं। वह केवल बीजेपी को सुरक्षा देने में सफल हैं, देश को नहीं। हम पूरे मामले की व्यक्तिगत न्यायिक जांच की मांग करते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या यह हत्या सेना की मनमानी का नतीजा है, सुष्मिता (sushmita dev) ने कहा, यह राज्य सरकार के साथ सेना के समन्वय की कमी का परिणाम है। केंद्र सरकार ने आपको बीएसएफ (BSF) के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र को बढ़ाकर उन्हें और अधिक शक्ति प्रदान की है। केंद्र सरकार को यह महसूस करना होगा कि राज्य की मदद के बिना केंद्रीय बल तटस्थ होकर और ठीक से काम नहीं कर सकते।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षा बलों द्वारा गलती से मारे गए नागरिकों के परिवारों से मिलने के लिए सोमवार को नागालैंड का दौरा करना था। चार सांसदों- सुष्मिता देव, शांतनु सेन, अपरूपा पोद्दार और प्रसून बंद्योपाध्याय सहित पांच सदस्यीय टीम को सोमवार को मोन जिले के एक गांव में पहुंचना था। इससे पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, नागालैंड से चिंताजनक खबर। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। हमें घटना की गहन जांच सुनिश्चित करनी चाहिए और यह तय करना चाहिए कि सभी पीडि़तों को न्याय मिले!
सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों पर गोलियां चलाए जाने के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पुलिस ने कहा कि यह संभवत: गलत पहचान का मामला था। सुरक्षा बलों को कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन एनएससीएन (के) के युंग आंग गुट के विद्रोहियों के बारे में सूचना दी गई थी और वे उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। शनिवार को सेना के जवानों ने पिकअप वैन से घर लौट रहे कोयला खदान कर्मियों को विद्रोही समझ लिया और उन्हें मार गिराया।
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