
Corona वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया में कहर मचाया हुआ है। यह वेरियंट पहले सामने आए खतरनाक वैरिएंट डेल्टा से कहीं अधिक संक्रामक है। इसमें चिंता की बात ये है कि मरीज को पता ही नहीं चलता कि वो कोरोना के किस वैरिएंट से पॉजिटिव है। लेकिन अब ऐसे कुछ लक्षण सामने आए हैं जिनसें यह पता लगाया जा सकता है कोई व्यक्ति डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित है या ओमिक्रॉन से।
हालांकि ओमिक्रॉन वैरिएंट, डेल्टा वैरिएंट कम खतरनाक है, लेकिन इसकी संक्रामकता ज्यादा बढ़ रही है। इस समय पूरी दुनिया इस वेरियंट से परेशान है। इसी के चलते दुनियाभर के वैज्ञानिक ओमिक्रॉन वैरिएंट पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। दक्षिण अफ्रीका में सामने आए इस वैरिएंट के मरीजों में गले में खराश और हल्के बुखार की शिकायत थी। हालांकि, वो आसानी से ठीक हो गए। इससे संक्रमित लोगों में सूंघने की क्षमता पर भी बुरा असर नहीं होता।
कोरोना ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट की पहचान करने के लिए जेनेटिक सिक्वेंसिंग की जरूरत होती है। इसमें 4 से 5 दिन का समय लगता है। जबकि, एंटीजन और मॉलिक्यूलर टेस्ट शरीर में SARs-COV-2 वायरस की उपस्थिति की पहचान करने में सहायता करते हैं चाहे मरीज किसी भी वैरिएंट से संक्रमित हो। वहीं, ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगाने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स द्वारा बनाई गई ओमिश्योर नाम की एक आरटी-पीसीआर टेस्ट किट को मंजूरी दी है। इस किट के जरिए नए वैरिएंट का पता किया जा सकता है।
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