मध्य प्रदेश में डेंगू और चिकनगुनिया का इलाज आयुष्मान योजना में शामिल किया गया है।  कोई भी सूचीबद्घ अस्पताल योजना के अंतर्गत इसके इलाज से इन्कार नहीं कर सकता है।  इसकी रोकथाम के लिए जल स्रोत में दवा का छिड़काव, लार्वा नष्ट करने और फॉगिंग का काम मिशन मोड में किया जाए।  

जिला अस्पतालों में दस बिस्तरों के आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था बनाई जाए।  यह निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मंत्रालय में 17 सितंबर को होने वाले टीकाकरण महाअभियान की समीक्षा के दौरान दिए। 

उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से कोरोना से बचाव के लिए टीके उपलब्ध कराने को लेकर चर्चा हुई है।  उन्होंने भरोसा दिलाया है कि आवश्यकता के अनुसार आपूर्ति टीके मिलते रहेंगे।  

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जिलों में डेंगू और चिकनगुनिया के मामले सामने आए हैं।  इसे निंयत्रित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।  अधिकारियों ने बताया कि कीटनाशक का छिड़काव डेंगू संक्रमित मरीज के घर के आसपास के घरों में कराया जा रहा है। 

बुखार का इलाज आयुष्मान योजना में पहले से शामिल है पर डेंगू और चिकनगुनिया को और स्पष्ट कर दिया गया है।  कोविड टीकाकरण को लेकर उन्होंने कहा कि 17 सितंबर को महाअभियान को सफल बनाने के लिए सभी कदम उठाए जाएं।  

केंद्र सरकार से आवश्यकता अनुसार टीके मिले रहेंगे। यदि और जरूरत होगी तो उसकी भी आपूर्ति की जाएगी।  बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, कृषि मंत्री कमल पटेल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी मौजूद थे। 

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिदिन राज्य में कम से कम दस लाख पात्र व्यक्तियों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित करें।  इसी माह सभी पात्र व्यक्तियों को पहला टीका लग जाए, इसके प्रयास किए जाएं।  

संभव हो तो मतदाता सूची को आधार बनाकर जनसहयोग से टीका लगवाने के लिए व्यक्तियों को केंद्रों तक लाने का काम किया जाए।  जिन जिलों की टीकाकरण में उपलब्ध 70 प्रतिशत से कम है, उनके कलेक्टर और आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों से चर्चा करके समीक्षा की जाएगी।