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रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यूवीसी रोबोट तकनीक का उपयोग शुरू किया गया है। फिलहाल उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने लखनऊ शताब्दी स्पेशल में शुरू किया है। इस तकनीक से ट्रेन कोच को महज दो मिनट में कीटाणुरहित बनाया जा रहा है।
कोरोना महामारी के दौरान उत्तर रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पैसेंजर कोचेज को कीटाणुरहित करने के लिए अनेक प्रयासों और परीक्षणों के उपरांत एक क्रांतिकारी यूवीसी तकनीक को अपनाया है। दिल्ली मंडल में डीएलटी डिपो में लखनऊ शताब्दी स्पेशल में इस तकनीक का इस्तेमाल पहली बार किया जा रहा है। रिमोट कंट्रोल से चलने वाली इस मशीन के इस्तेमाल से पूरी रेलगाड़ी को स्वचालित रूप से कीटाणुरहित किया जा रहा है।
यह तकनीक उन स्थानों पर भी कारगर है, जहां तक किसी अन्य मौजूदा प्रक्रिया से नहीं पहुंचा जा सकता है। इस प्रक्रिया में मनुष्य की कोई भागीदारी नहीं है, जिसकी वजह से यह यूवीसी तकनीक पूरी तरह सुरक्षित और उपयोग के अनुकूल है। इस मशीन को वाशिंग लाइन पर सुगमता के साथ इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल का दावा है कि रेलवे के इस प्रयास पर यात्रियों की प्रतिक्रियाएं सकारात्मक रही हैं। इस तकनीक से कोरोना वायरस के न्यूक्लियस को नष्ट करने का दावा भी रेलवे ने किया है। इसके चलते वायरस के बढऩे पर रोक लग जाती है। इसके साथ ही यह अपनी तरह का एक हरित उपाय भी है। सरकार की प्रमाणित प्रयोगशाला में परीक्षण और जांच के उपरांत यह पाया गया है कि यह तकनीक जीवाणु, कीटाणु और रोगाणु को 99.99 फीसदी तक मार देती है। एयर इंडिया एक्सप्रेस केबिन को कीटाणुरहित करने के लिए पहले से ही इस तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। जबकि पिछले लगभग दो दशकों से अस्पतालों में भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
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