दुनिया में कई तरह से दर्द का इलाज किया जाता है। भारत में होमियोपैथी, एलोपैथी और आयुर्वेदिक के तरीके अपनाए जाते हैं। लेकिन इस दुनिया में बीमारी ठीक करने का एक और तरीका है। वो है फायर थेरेपी (Fire Therapy)। जी हां, फायर थेरेपी के जरिये मरीज की बॉडी में आग लगाकर इलाज किया जाता है। इस थेरेपी को देखकर लोग हैरान रह जाते हैं।

मरीज की बॉडी में आग (fire in body) लगा कर इलाज करने की वजह से इसे फायर थेरेपी नाम रखा गया है। इसमें डॉक्टर मरीज की समस्या के अनुसार अलग-अलग हिस्से में आग लगा कर उसकी समस्या दूर करते हैं। कहा जाता है कि ये थेरेपी करीब सौ सालों से अपनाई जा रही है। फायर थेरेपी दुनिया में चीन से सामने आई। चीन के लोगों का मानना है कि इस थेरेपी से भयंकर बीमारियां, जिनके इलाज नहीं मौजूद है, वो भी ठीक हो जाता है।

फायर थेरेपी करवा चुके एक शख्स जिसका नाम झांग फेंगाओ है ने बतया कि ये थेरेपी इलाज नहीं बल्कि क्रान्ति है। इस थेरेपी के आगे दुनिया का हर मेडिकल ट्रीटमेंट फेल है। फायर थेरेपी से लोगों के पुराने से पुराने दर्द का इलाज किया जाता इससे डिप्रेशन से लेकर स्ट्रेस और कैंसर का भी इलाज किया जाता है। फायर थेरेपी चीन के प्राचीन मान्यताओं पर आधारित होता है।

फायर थेरेपी में इसमें मरीज के पीठ पर पहले जड़ी-बूटियों का एक लेप लगाया जाता है। इसके बाद लेप को तौलिये से अच्छे से कवर कर देते हैं। इसे करने वाला शख्स फिर तौलिये पर शराब और पानी छिड़कता है। शराब में मौजूद रसायन की वजह से पीठ के पास आग ले जाने से उसमें से लपटें निकलने लगती है। कहा जाता है कि इस आग से दर्द और बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है।

हालांकि, चीन में इतनी पॉपुलर फायर थेरेपी दुनिया में बदनाम है। इसे कई झोलाछाप डॉक्टर्स प्रैक्टिस करते पाए गए, जिसके भयंकर अंजाम हुए। कई लोग इससे झुलस गए। इसके बाद से फायर थेरेपी को खतरनाक बताया जाने लगा। हालांकि, चीन के लोगों का कहना है कि अगर सही तरीके से फायर थेरेपी की जाए, तो इसका रिजल्ट पुरानी से पुरानी बीमारी ठीक कर देता है।