माधव नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में है। जहां 27 साल बाद बाघ की दहाड़ सुनाई दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दो बाघों को पार्क में छोड़ा है। बाघ पिंजरे से दहाड़ते हुए पार्क में चले गए। जिन दो बाघों को पार्क में छोड़ा गया है उनमें से एक बाघिन है जबकि दूसरा बाघ है। बाघिन को बांधवगढ़ और बाघ को सतपुड़ा से सुबह ही लाया गया। 

यह भी पढ़ें : अजीब है बीयर पीने से किडनी की पथरी ठीक होने का संबंध, हकीकत जानकर रह जाएंगे हैरान

बता दें कि कुल 3 बाघों को पार्क में छोड़ने का प्लान था, लेकिन पन्ना लाई गई बाघिन के घायल होने के कारण उसे नहीं लाया जा सका है। बाघिन को ठीक होने के बाद यहां पहुंचाया जाएगा।

गौर हो कि बाघों को पिंजरे से रिलीज करते समय मुख्यमंत्री और सिंधिया के अलावा वहां बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, वन मंत्री विजय शाह, सांसद केपी यादव, प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया भी नेशनल पार्क पहुंचे थे। पार्क के सीसीएफ उत्तम शर्मा ने बताया कि पार्क के बीच बलारपुर के कक्ष क्रमांक 112 में बाघों की देख-रेख के लिए 4 हजार हेक्टेयर का बड़ा बाड़ा बनाया गया है। 

यह भी पढ़ें : बिना ब्याज दिए EMI पर मिल रहे सैमसंग के 3 धांसू स्मार्टफोन, जानिए कहां पर है मौका

इस एनक्लोजर को तीन हिस्सों में बांटा गया है। बाड़े की ऊंचाई करीब 16 फीट है। तीनों बाघों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं। बाड़ों के अंदर बाघों के लिए 6-6 हजार लीटर पानी की क्षमता वाले सोसर बनाए गए हैं। बता दें कि बाघों की सुरक्षा के लिए माधव नेशनल पार्क में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। तीनों बाघों में सेटेलाइट कॉलर लगाया गया है।