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देश में कोरोना का कहर बरकरार हैं। कोरोना से मौतों का सिलसिला अभी तक जारी है। गांवों में कोरोना से सबसे ज्यादा फैल गया है और मौतों के मामले गांवों से भी आ रहे हैं। गांवों की लापरवाही इस तरह के अंजाम हो रहे हैं। लेकिन एक गांव ने समझदारी दिखाते हुए ऐसा काम किया है जो पूरे देश में एक बहुत ही शानदार मिसाल बन गई है। बता दें कि राजधानी दिल्ली के घिटोरनी गांव ने कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में मिसाल पेश की है।
घिटोरनी गांव में एक दिन में कोरोना से तीन लोगों की मौत होने पर कुछ ग्रामीणों ने मिलकर गांव में ही कोरोना का अस्पताल बना डाला है। गांव में नौसेना से रिटायर्ड अधिकारी नरेंद्र लोहिया ने देखा कि उनके गांव में एक दिन में कोरोना से तीन मौतें हुईं तो उन्होंने गांव और लोगों को बचाने के लिए छोटा अस्पताल यानी कोविड केयर सेंटर बना दिया है। नरेंद्र लोहिया के बेटे-बहू और भतीजे डॉक्टर हैं।
परिवार मिलकर गांव वालों की सेवा करने और कोरोना के खिलाफ जंग मे शामिल हो गए हैं। शाम को गांव की चौपाल पर कुछ घंटे व अन्य समय ऑनलाइन वॉट्सऐप ग्रुप पर नरेंद्र लोहिया के बेटे-बहू लोगों को परामर्श दे रहे हैं। गांव में कई लोग जो दवा लेने में समर्थ नहीं हैं उनके दवा-भोजन की भी व्यवस्था भी कर दी गई है। इस मुहिम को बढ़ाने के लिए गांव के युवा आर्थिक व अन्य संसाधनों से मदद के लिए आगे आए हैं।
कोविड केयर सेंटर में ओपीडी में कोरोना जांच की व्यवस्था है और आइसोलेशन की भी व्यवस्था की गई है जो संक्रमित मिलते हैं उनके लिए स्कूल में 25 बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। इस अस्पताल में 27 कंसंट्रेटर और 2 सिलेंडर हैं, जो गांव वालों ने ही मिलकर खरीदे हैं। एक युवा टीम लोगों को जागरूक कर रही है तो दूसरी युवा टीम दवा मुहैया करा रही है। गांव में कुल 10 हजार से अधिक की आबादी है, जिसमें से करीब 500 लोग संक्रमित हो चुके हैं। अब गांव के हालात काबू में किए जाने की तैयारी है।
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