केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने चिंता के साथ कहा कि देश में कई कानून हैं लेकिन कार्यान्वयन बहुत धीमा है और देश में न्याय के वितरण में तेजी लाने की जरूरत है। किरेन रिजिजू रविवार को गांधीनगर में नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU) में स्कूल ऑफ लॉ, फॉरेंसिक जस्टिस एंड पॉलिसी स्टडीज के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि "हमें सक्रिय मीडिया, अदालत के फैसलों के कारण न्यायाधीशों की टिप्पणियां सुनने को मिलती हैं, जहां कभी हम न्यायाधीश की प्रशंसा सुनते हैं तो कभी उनकी पीड़ा भी।

कभी-कभी हम विभिन्न मुद्दों पर सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों से ऐसे अद्भुत निर्णय देखते हैं, लेकिन तब हमें पता चलता है कि अवमानना ​​दर्ज की गई है। ऐसा नहीं होना चाहिए, कि हम अवमानना ​​​​के बाद ही कार्रवाई करते हैं। अवमानना ​​​​की बात छोड़ दें, लेकिन हमें अपने काम में सक्रिय होना चाहिए।"

किरेन रिजूज ने कहाकि "हम कभी-कभी इतने निराश भी होते हैं कि इतने सारे कानून बनाने के बाद भी कोई त्वरित क्रियान्वयन नहीं होता है।" रिजिजू ने यह भी कहा कि " न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है। जब हम दरवाजे पर न्याय के बारे में बात करते हैं, जब हम त्वरित न्याय वितरण के बारे में बात करते हैं, तो हमें विज्ञान के अनुप्रयोग के साथ एक तंत्र विकसित करने के बारे में सोचना पड़ता है जो न्याय पाने के लिए अंतहीन इंतजार कर रहे लोगों को समाप्त कर देता है "।