नई दिल्ली। अगले साल गणतंत्र दिवस (Republic day) के मौके पर राजपथ पर स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों की जीवनी और संघर्ष की कहानी चित्रित की जायेगी, साथ ही संस्कृति और लोकाचार का प्रतिनिधित्व करने वाले चित्र की प्रदर्शनी आयोजित होगी। सूत्रों ने बताया कि करीब 10 स्क्रॉल लगाया जायेगा, जो 75 मीटर लंबा होगा। 

गणतंत्र दिवस के मौके पर इसे राजपथ पर प्रदर्शित की जायेगी, जिसमें भारत के पारंपरिक और समकालीन कला रूपों को दिखाया जायेगा, जो भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के नायकों के जीवन से संबंधित होगी। इन चित्रों को रक्षा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित भुवनेश्वर और चंडीगढ़ में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के एक हिस्सा के रूप में चित्रित किया जा रहा है। 

सूत्रों ने बताया कि इस आयोजन का शीर्षक'कला कुंभ-आजादी का अमृत महोत्सव' रखा गया है। इन चित्रों में भारत के विविध भौगोलिक स्थानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एक अधिकारी ने कहा, 'यह स्क्रॉल्स आजादी का अमृत महोत्सव के भव्य समारोह से संबंधित कार्यक्रम के हिस्सा के रूप में कलात्मक ²श्यों और हमारे राष्ट्रीय गौरव पर्दर्शित करेंगे।' उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य शहरी परि²श्य के सौंदर्यता को बढ़ाना है तथा राष्ट्रीय गौरव तथा उत्कृष्टता को दर्शाने के लिये कला की क्षमता का विश्लेषण करना भी है। 

ओडिशा की राजधानी में लगभग 270 कलाकार स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास का चित्रण करने के काम में जुटे हुए हैं। जिसमें भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों की कथा लिखने वाले नायकों की कहानियों का चित्रण किया गया है। इस कार्यक्रम में कई बेहतरीन लोक कलाकार, (जिन्होंने कला के क्षेत्र में ख्याती हासिल की) ने भी भाग लिया। इसमें विभिन्न राज्यों के अलग अलग क्षेत्रों और संस्कृति से संबंधित कलाकारों ने अपना योगदान दिया है। भुवनेश्वर के बाद दूसरी कार्यशाला 25 दिसंबर से 2 जनवरी तक चंडीगढ़ के चितकारा विश्वविद्यालय में आयोजित की गयी है, जहां उत्तरी क्षेत्र के राज्यों के कलाकार इन राज्यों में स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों के संघर्ष की कहानियों को चित्रित करेंगे। 

इस दौरान भारतीय सेना के महानायक परम वीर चक्र से सम्मानित सूबेदार मेजर कैप्टन बाना सिंह, परम वीर चक्र से सम्मानित सूबेदार संजय कुमार और भारत के पहले ब्लेड धावक मेजर डीपी सिंह (सेवानिवृत्त) भी मौजूद रहेंगे। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) के महानिदेशक, एनजीएमए के सलाहकार बोर्ड के साथ (जिसमें प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों सहित महान कलाकार शामिल हैं,) स्क्रॉल पेंटिंग के लिए मेंटर के रूप में कार्य करेंगे।