साल 2021 में EPFO का दायरा और बढ़ने जा रहा है। खबर है कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन और ट्रेडर्स और सेल्‍फ इम्‍प्‍लॉयड के लिए नेशनल पेंशन स्‍कीम को ईपीएफओ के दायरे में लाने की कोशिश हो रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इसका ऐलान भी किया जा सकता है।

2 साल बीत जाने के बावजूद पीएम श्रम योगी मानधन योजना और नेशनल पेंशन स्‍कीम में ज्यादा लोगों ने निवेश नहीं किया है। अभी इन दोनों योजनाओं का प्रशासन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास है। अगर योजना के मुताबिक EPFO के दायरे में ले आया गया तो पीएम श्रम योगी मानधन योजना और नेशनल पेंशन स्‍कीम में निवेश करने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। इसका एक कारण ये भी है कि EPFO के पास कर्मचारियों का फंड जमा कराने का पुराना अनुभव है और आम लोगों का EPFO पर भरोसा भी ज्यादा है।

पीएम श्रम योगी मानधन योजना को फरवरी 2019 में शुरू किया गया था। इसमें 18 से 40 साल के असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को हर महीने 55 से 200 रुपये तक जमा कराने होते हैं। जितना अंशदान कर्मचारी करेगा उतनी ही राशि केंद्र सरकार भी जमा करती है। 60 साल पूरे होने पर कर्मचारी को हर महीने कम से कम 3,000 रुपये की पेंशन मिलती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी इस स्‍कीम में 44 लाख से ज्यादा लोग निवेश करते हैं।

2019 में ही ट्रेडर्स और खुद का व्‍यवसाय करने वालों के लिए नेशनल पेंशन स्‍कीम मोदी सरकार ने लॉन्च की थी। इस स्‍कीम के तहत खुदरा व्‍यापारी, दुकानदार और अपना रोजगार करने वाले लोग निवेश कर सकते हैं। 60 साल की उम्र पूरी होने पर उन्हें पेंशन मिलती है हालांकि इस स्‍कीम का हिस्‍सा वही व्‍यापारी बन सकते हैं जिनका सालाना टर्नओवर 1।5 करोड़ रुपये से ज्‍यादा नहीं है। इस योजना में कितने लोग निवेश कर चुके हैं, इसकी जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।