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केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोलियम उत्पादों की लगातार बढ़ती कीमतों के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए बुधवार को यहां कहा कि इसका खामियाजा केंद्र सरकार को भी भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने रसोई गैस की कीमतों में ताजा वृद्धि संबंधी एक सवाल पर संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें तय करने का अधिकार संबंधित कंपनियों को देने का कानून लाया गया था।
उसी की वजह से संबंधित कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुताबिक कीमतें तय करती हैं। इस मामले में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि सरकार कीमतों में वृद्धि को लेकर संवेदनशील है और राज्य सरकारों को भी चाहिए कि वह अपनी तरफ से वैट की दर कम करे ताकि लोगों पर अधिक भार नहीं पड़े। पुरी ने कहा कि वर्ष 2010 में कांग्रेस नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थो के बाजार को मुक्त कर दिया गया था और एक बार जब कोई फैसला ले लिया जाता है तो बाद में काफी मुश्किल होती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों के कारण सरकार को इस मामले में कर्ज चुकाना पड़ रहा है। उन्होंने कीमतों में वृद्धि के माध्यम से आने वाली रकम संबंधी एक अन्य सवाल पर कहा कि सरकार गरीबों को 'उज्ज्वला', आवास, मुफ्त अनाज, समेत अनेक योजनाओं के माध्यम से लोगों का जीवन बेहतर करने में जुटी हुई है। कोविड के दौरान करोड़ों परिवारों को मुफ्त भोजन की व्यवस्था महीनों तक की गई। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने कीमतों पर लगाम लगाने और इसे जीएसटी के तहत लाने संबंधी सवाल पर चुप्पी साध ली।
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