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देश में मसालों के बादशाह एमडीएच ग्रुप के मालिक महाशय धर्मपाल का गुरुवार सुबह स्वर्गवास हो गया। वे 98 साल के थे। 1 नवंबर को उन्होंने कोरोना हुआ था। हालांकि उन्होंने इस महामारी को तो मात दे दी थी। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ है। महाशय धर्मपाल जी ने 5.38 बजे आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को ही किया जाएगा।
आपको बता दें कि माहेश्वरी धर्मपाल गुलाटी का जन्म 1923 में पाकिस्तान में हुआ था। इनके परिवार की आर्थिक इस्थिति अच्छी नहीं थी। धर्मपाल पढ़ाई में कमजोर थे और पांचवी कक्षा में फेल हो गए थे। इसके बाद इन्होंने स्कूल जाना छोड़ दिया था। धर्मपाल के पिताजी ने इन्हें काम सिखाने के लिए दुकान पर भेजना शुरू कर दिया था, लेकिन इनका किसी भी कार्य में मन नहीं लगता था और 15 साल की उम्र तक इन्होंने काफी सारे काम बदले थे।
सियालकोट लाल मिर्च के लिए मशहूर था इसीलिए इनके पिता ने एक छोटी सी दुकान खुलवा दी थी। धीरे धीरे यह दुकान अच्छे से चलने लगी थी। 1947 में देश आजाद होने के बाद सियालकोट को पाकिस्तान का हिस्सा बना दिया गया था। इसके बाद धर्मपाल और इनके परिवार वाले पाकिस्तान छोड़कर दिल्ली आ गए थे। जब यह पाकिस्तान छोड़ कर दिल्ली आए थे तो इनके पास सिर्फ 1500 रुपये थे। उन्होंने 650 रूपये में घोड़ा गाड़ी खरीदी और फिर उसी से गुजारा करने लगे फिर उन्हें लगा कि इतने पैसे से कुछ नही हो सकता है।
उन्हें मसाले का अच्छा ज्ञान था और उन्होंने मसाले पीस कर बेचने शुरू कर दिया और शुद्ध मसालों के कारण उनका व्यापार बढ़ता गया। अपनी मेहनत और लगन की वजह उन्होंने 1996 में दिल्ली में मसाले की फैक्ट्री खोली थी। धीरे धीरे उन्होंने काफी सारी सफलता हासिल कर ली और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। आज MDH पूरे विश्व भर में एक बड़ी कंपनी बन चुकी हैं। आज 100 से ज्यादा देशों में इनके मसाले सप्लाई होते हैं। आपको बता दें कि धर्मपाल एक समाज सेवक भी थे।
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