
जालोर के सांचोर इलाके लाछड़ी गांव निवासी नगाराम देवासी का चार साल का बेटा अनिल गुरुवार को सुबह करीब सवा दस बजे खेलते-खेलते हाल में खुदवाये गये 90 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था।
हादसे के 16 घंटे बाद गुरुवार रात 2.30 बजे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत कर उसे जिंदा बाहर निकाल लिया। बड़ी बात यह है कि अनिल को बाहर निकालने में तमाम आधुनिक संसाधन फेल हो जाने पर आखिर में देसी तकनीक अपनाकर बाहर निकाला गया।
मासूम अनिल को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए पहले स्थानीय स्तर एसडीआरएफ पहुंची थी, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। घटना के करीबन 8 घंटे बाद गुजरात से एनडीआरएफ की टीम पहुंची। लेकिन उसकी तकनीक भी अनिल को बाहर निकालने के काम नहीं आई। आखिर में देसी जुगाड़ से मासूम अनिल को सकुशल बाहर निकाला गया। अस्पताल में भर्ती अनिल अब स्वस्थ्य है। परिवार के सभी लोग वहां मौजूद हैं।
हादसा होने के बाद से सांचोर एसडीएम भूपेंद्र यादव, एडिशनल एसपी दशरथ सिंह और चिकित्सा विभाग की टीम सहित पूरा प्रशासन मौके पर पहुंचा। उन्होंने तुरंत बोरवेल में कैमरा डालकर अनिल की स्थिति देखी और फिर ऑक्सीजन सप्लाई शुरू करवाई। अनिल को ऑक्सीजन और पानी की सप्लाई नियमित रूप की जाती रही, जिससे वह खुद को बोरवेल में जिंदा रख सका। इस दौरान वहां ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहा।
रात तक सफलता नहीं मिलने पर भीनमाल के मेड़ा निवासी माधाराम सुथार के द्वारा बनाये गये देशी जुगाड़ से अनिल को बोरवेल से निकाला गया। 4 वर्षीय अनिल के बोरवेल में गिरने की सूचना पर जालोर कलेक्टर नम्रता वृष्णि व एसपी श्याम सिंह भी पूरे दिन मौके पर ही डटे रहे। वे पूरी तरह से रेस्क्यू ऑपरेशन को मॉनिटरिंग करते रहे। देर रात ढाई बजे अनिल को बाहर निकालने के बाद प्रशासन और परिजनों ने राहत की सांस ली।
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