/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/06/04/image-1622819775.jpg)
वाराणसी में जापान और भारत की दोस्ती का प्रतीक रूद्राक्ष कंवेंशन सेंटर बनकर तैयार हो गया है। गंगा और घाट का शहर बनारस न केवल अपनी संस्कृति, सभ्यता के लिए बल्कि संगीत और कला के लिए भी पूरी दुनिया में विख्यात है। इसलिए इसको सिटी ऑफ म्यूजिक का भी खिताब हासिल है।
प्राचीन काल से ही यहां गंगा किनारे बड़े-बड़े कलाकारों ने अपनी कला की साधना की है। सितारा देवी, पंडित किशन महाराज, गिरिजा देवी, पंडित राजन साजन मिश्रा, पंडित छन्नूलाल मिश्रा जैसे बड़े नाम इसी धरती से हैं। यही गंगा किनारे शहनाई के जादूगर भारत रत्न बिस्मिल्लाह खान की जिंदगी शहनाई साधना में बीती।
अब मोदी की नई काशी में शिवलिंग के आकार की ये भव्य इमारत बनकर तैयार हुई है। इसमे शिवलिंग नुमा आकार के चारों तरफ 109 रुद्राक्ष की आकृति उभारी गई है। इसका नाम भी है रुद्राक्ष. ये कन्वेशन सेंटर है, जिसके जरिए काशी की कला, साहित्य, संस्कृति और सभ्यता को नया मंच मिलने जा रहा है।
इस कन्वेशन सेंटर का मुख्य ऑडीटोरियम इतना बड़ा है कि एक साथ 1200 दर्शक बैठ सकते हैं। दिव्यांगों के लिए अलग से स्पेस के साथ हर लाइन की आगे की कुर्सियां पोर्टेबल हैं। यानी उन्हें हटाकर व्हील चेयर को जगह दी जा सकती है। करीब 186 करोड़ में बनकर तैयार हुए रुद्राक्ष कन्वेशन सेंटर के इस ऑडीटोरियम की खासियत है कि कार्यक्रम में दर्शक की क्षमता के मुताबिक इसे बांट सकते हैं। वो भी बिना हाथ लगाए। यानी सेंट्रल कमांड सेंटर से इसको छोटा बड़ा कर सकते हैं।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |