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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बहुत ही भयावह हिंसा हुई है। यह हिंसा बंगाल को बहुत ही बुरे तरीके से हिलाकर रख दिया है। इस हिंसा से राजनीतिक गलियारों में खलबली मची हुई है। इस हिंसा को लेकर राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इन आरोपों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने एक 4 सदस्यों की जांच टीम गठित की है। केंद्र सरकार ने पहले सख्त लहजे ममता बनर्जी से हिंसा पर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल हिंसा पर जांच के लिए एक टीम ही गठित कर दी है। हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया है। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में दल पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गया है। यह दल हिंसा के जांच करेगा और हिंसा के मुख्य उद्देश्य का पता लगाएगा।
बता दें कि बंगाल में कथित हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। गौरतलब है कि आक्रामक चुनाव प्रचार के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने लगातार तीसरी जीत दर्ज की है और उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ग्रहण कर ली है। लेकिन संविधान अनुच्छे 164(4) के तहत 6 महीने भीतर ममता बनर्जी को किसी विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर आना पड़ेगा और फिर विधानसभा के विधायक का सदस्य होने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो सकती है वरना 6 महीने के भीतर सीएम का पद छोड़ना पड़ेगा।
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