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वालधुनी नदी का पानी अचानक खून जैसा लाल रंग में नजर आ रहा है जिसको लेकर इनाम की घोषणा की गई है। यह नदी महाराष्ट्र के ठाणे जिले में पड़ती है। नदी के पास रहने वाले उल्हासनगर और अंबरनाथ की बस्ती के निवासियों ने आरोप लगाया है कि वालधुनी नदी में जहरीले रसायनों को बहाया जा रहा है जिससे ना सिर्फ पानी लाल हो गया है बल्कि लोगों को भी मुश्किल हो रही है।
लोगों के मुताबिक राज्य प्रदूषण बोर्ड एमपीसीबी (महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) को बार-बार शिकायत करने के बाद भी पुलिस और नगर निगम के अधिकारी अनसुना करते रहे। उल्हासनगर के पार्षद ने बस्ती से गुजरने वाली नदी में अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्टों को डंप करने वालों की जानकारी देने पर 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।
दिसंबर 2014 में भी उस नदी के आसपास रहे लगभग 600 निवासियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। नदी के किनारे रहने वाले ज्यादातर लोगों को उल्टी हो रही थी और उन्होंने बेचैनी महसूस की थी। लोगों को उस दौरान वहां सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। उस दौरान वहां से कई लोगों ने पलायन किया क्योंकि डंप हुए अपशिष्टों ने हवा को प्रदूषित कर दिया था। इस मामले में एक केस भी दर्ज किया गया था लेकिन उसके बाद मामले ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
उस वक्त से वहां के निवासियों ने अधिकारियों से शिकायत की थी कि वे रासायनिक कारखानों से निकलने वाले कचरे के टैंकर और पनवेल के करीब अपशिष्टों को डंप करने से रोकें। अंबरनाथ में MIDC में वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में उन्हें भेजने की जगह अपशिष्टों को नदी में फेंक दिया जाता है। ऐसा नहीं करने पर औद्योगिक कचरे को निपटाने में ऑपरेटर को कथित तौर पर प्रति टैंकर लगभग 50,000 रुपये बचता है। कई ऐसे टैंकर उल्हासनगर और अंबरनाथ में नदियों में रासायनिक कचरा डंप करते हैं, जिसके कारण कभी-कभी क्षेत्र में धुआं और पानी लाल हो जाता है।
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