हमेशा ही अनचाही फोन कॉल्स, फालतू के SMS और ऑनलाइन फ्रॉड सबको परेशान करती रहती है जिसका सामना रोज करना पड़ता है। टेलीमार्केटिंग कंपनियां सरकार की हर चेतावनी और कोशिश को धता बताकर आपको धड़ल्ले से बेहिचक कभी भी फोन घुमा देती हैं, लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाएंगी।

जी हां, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल लेन-देन को ज्यादा भरोसेमंद, विश्वसनीय और सुरक्षित बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की है। इस बैठक में रविशंकर प्रसाद ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि वो टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स को अनचाही कॉल्स और ऑनलाइन वित्तीय फ्रॉड से मुक्ति दिलाने के लिए कड़े कदम उठाएं।

बैठक में फैसला हुआ कि वित्तीय फ्रॉड और अनचाही कॉल्स को रोकने के लिए एक वेब/मोबाइल एप्लीकेशन और SMS बेस्ड सिस्टम को विकसित किया जाएगा। एक नोडल एजेंसी Digital Intelligence Unit का भी गठन किया जाएगा। जो टेलीकॉम स्रोतों के जरिए होने वाली फ्रॉड गतिविधियों की जांच के लिए संबंधित लोगों से संपर्क बनाएगा, साथ ही लाइसेंस सर्विस एरिया लेवल पर टेलीकॉम एनोलिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर प्रोटेक्शन सिस्टम का गठन  किया जाएगा।

बैठक में रविशंकर प्रसाद ने अधिकारियों को आदेश दिया कि टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स को परेशान करने वाले टेलीमार्केटर्स और लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। इसमें वो कंपनियां शामिल हैं जो बार बार फोन करके या मैसेज करके टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स को परेशान करती हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल फ्रॉड के जरिए लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने वालों के खिलाफ भी सख्ती से निपटने का आदेश दिया है।

अधिकारियों ने इस बैठक में ये मुद्दा भी उठाया कि सब्सक्राइबर्स के Do-Not Disturb सर्विस लेने के बावजूद टेलीमार्केटिंग कंपनियां कमर्शियल कॉल और SMS भेज रही हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा टेलीकॉम विभाग (DoT) को आदेश दिया है कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और टेलीमार्केटिंग कंपनियों के साथ बैठक करें और उन्हें मामले की गंभीरता को समझाएं, उनसे इस बात का आश्वासन लिया जाए कि वो नियमों का पूरी तरह से पालन करें।

अगर टेलीमार्केटिंग कंपनियां बार बार नियमों का उल्लंघन करती हैं तो उनके खिलाफ पेनाल्टी लगाने का भी प्रस्ताव दिया गया है, उनके रिसोर्सेज को भी काटा जा सकता है। रविशंकर प्रसाद ने जामतारा और मेवात जैसे क्षेत्रों में बढ़ते फ्रॉड की चिंताओं को देखते हुए डिवाइस स्पेशल रणनीति बनाने को कहा है, जिसमें टेलीकॉम ऑपरेशंस को ही ब्लॉक किया जाए।

सरकार को उम्मीद है कि इस तरह के सिस्टम से लोगों का भरोसा डिजिटल इकोसिस्टम पर बढ़ेगा और मोबाइल से वित्तीय डिजिटल लेन-देन ज्यादा पारदर्शी, सुरक्षित और भरोसेमंद होगा, जिससे डिजिटल इंडिया मिशन को भी बढ़ावा मिलेगा।