ये तो हमेशा से ही कहा जाता है कि सुबह जल्दी उठाना चाहिए और रात को जल्दी सोना चाहिए, क्योंकि इससे सेहत और दिमाग दोनों ही तंदरुस्त रहते हैं. हमारे बुजुर्गों द्वारा कही गई इस बात पर अब साइंस ने भी मुहर लगा दी है. अब एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि जो किशोर यानी टीनएजर्स (Teenagers) रोजाना सुबह देर से जागते हैं, उन्हें डायबिटीज समेत सेहत संबंधी समस्याएं होने का जोखिम ज्यादा होता है. क्योंकि वे थके होने पर ज्यादा शुगर का सेवन करते हैं. यह दावा अमेरिका की ब्रिंघम यंग यूनिवर्सिटी (Brigham Young University.) की ताजा स्टडी में किया गया है. स्टडी के दौरान शोधकर्ताओं ने हफ्तेभर तक किशोरों के खाने के पैटर्न का विश्लेषण किया. इसके लिए हफ्तेभर तक रात को 6.5 घंटे की नींद लेने पर और अगले हफ्ते में रात को 9.5 घंटे सोने और उठने के बाद खाने की मॉनिटरिंग की गई. दोनों ही चरणों में उन्होंने समान कैलोरी का सेवन किया. उन्होंने फल और सब्जी कम खाए और ऐसे फूड आइटम्स ज्यादा खाए जो ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने का कारण बनते हैं.

रिसर्चर्स के मुताबिक थके हुए किशोरों ने एक दिन में औसत करीब 12 ग्राम चीनी ज्यादा खाई. यानी सालभर में 2.5 से 3 किलो चीनी अतिरिक्त शरीर में पहुंची. यह रोज तीन अतिरिक्त चम्मच के बराबर है. 14 से 17 साल उम्र वर्ग वाले किशोरों पर हुई इस स्टडी का निष्कर्ष ‘स्लीप (Sleep)’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

इस स्टडी की चीफ राइटर डॉ कारा डुरासियो (Kara Duraccio) का कहना है , हम क्या खा रहे हैं वह ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसकी तुलना में कि हम कितनी मात्रा में खा रहे हैं. अगर हम शुगर लेवल बढ़ाने वाली डाइट जैसे कार्बोहाइड्रेट या अतिरिक्त शुगर वाले फूड आइटम्स लेते हैं तो यह एनर्जी बैलेंस को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है.

साथ ही फैट के जमाव को बढ़ाता है. इसकी वजह से वजन तेजी से बढ़ता है. आजकल किशोरों (teenagers) में वजन बढ़ने की समस्या का एक बड़ा कारण यह भी है. कई सारी स्टडीज में यह साबित हो चुका है कि नियमित रूप से ऐसी चीजें खाते रहने से कार्डियोमेटाबोलिक बीमारियों (cardiometabolic diseases) का रिस्क बढ़ जाता है. इनमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज शामिल हैं.

डॉ. डुरासियो के मुताबिक स्टडी के नतीजे इस ओर इशारा करते हैं कि थके हुए किशोर तुरंत एनर्जी चाहते हैं. इसी फेर में वे अनहेल्दी चीजें खाते हैं. इसी से जुड़ी स्टडी अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन (AASM) में भी दी गई थी. इसके मुताबिक ज्यादा सोने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इस इस स्टडी के मुताबिक जो लोग 9 से 11 घंटे की नींद लेते हैं, उनमें दिल के रोग होने की आशंका 38 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.

डॉ. डुरासियो बताती हैं किशोरावस्था (Adolescence) का मोटापा एक महामारी बनती जा रही है. इसलिए खाने के साथ-साथ नींद के पैटर्न पर भी ध्यान देना जरूरी है. आमतौर पर शोधकर्ता इस पर कम फोकस करते हैं. अगर किशोरों का वजन बढ़ने से रोकना है तो उनकी नींद पर्याप्त लेकिन अवधि उतनी ही होनी चाहिए जितनी शरीर को जरूरी है. इसके अलावा सुबह के खाने में शुगर व कार्बोहाइड्रेट की तुलना में प्रोटीन वाले आहार ज्यादा होने चाहिए.