अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान ने महिलाओं पर पाबंदी बढ़ाते हुए नया फरमान जारी कर दिया है।  उसने रविवार को धार्मिक दिशानिर्देश जारी किए हैं।  जिसमें देश के टेलीविजन चैनलों से कहा गया है कि वह उन टीवी सीरियल को बंद करें, जिनमें महिला अभिनेत्री काम करती हैं।  तालिबान के नैतिकता एवं दुराचार उन्मूलन मंत्रालय (Taliban's Ministry of Ethics) ने अफगान मीडिया के लिए ये इस तरह का पहला आदेश जारी किया है। 

इसके साथ ही तालिबान ने टेलीविजन पर आने वाली महिला पत्रकारों के लिए कहा है कि उन्हें न्यूज रिपोर्ट पेश करते समय (Female journalists on television that they must wear a hijab) अनिवार्य रूप से हिजाब पहनना होगा।  मंत्रालय ने चैनलों से उन फिल्मों या कार्यक्रमों को प्रसारित नहीं करने के लिए कहा है, जिनमें पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) या अन्य सम्मानित व्यक्तियों को लेकर कुछ भी दिखाया जाता है।  उसने उन फिल्मों या कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है, जो इस्लामी और अफगान मूल्यों के खिलाफ हैं। 

मंत्रालय के प्रवक्ता हाकिफ मोहजीर (Ministry spokesman Hakif Mohajir) ने बताया है, ये नियम नहीं बल्कि धार्मिक दिशानिर्देश हैं।  ये नए दिशानिर्देश रविवार शाम सोशल मीडिया पर खूब प्रसारित किए गए हैं।  तालिबान ने दोहा में हुए समझौते में वादा किया था कि वह पहले की तरह शासन नहीं करेगा और खुले विचार के साथ आया है।  लेकिन फिर भी उसने नियम लागू कर बताना शुरू कर दिया कि महिलाएं क्या पहन सकती हैं और क्या नहीं। 

इसके साथ ही तालिबान ने मीडिया की आजादी का वादा किया था लेकिन अफगानिस्तान में कई पत्रकारों के साथ मारपीट हो रही है, उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं।  देश पर 15 अगस्त को कब्जा करने वाला तालिबान 20 साल बाद सत्ता में वापस आया है।  

यहां दो दशक तक पश्चिम समर्थित सरकार का शासन रहा है, जो तालिबान के कब्जे के बाद गिर गई थी।  इसी सरकार के समय में अफगान मीडिया ने काफी प्रगति की है। तालिबान के 2001 में सत्ता से बेदखल होने के बाद यहां निजी क्षेत्र में भारी निवेश हुआ है।  दर्जनों टीवी और रेडियो चैनल शुरू किए गए हैं।