अफगानिस्तान संकट को लेकर विश्व की तमाम बड़ी शक्तियां चिंतित है। इसी बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर चर्चा की है और दोनों नेता इस मसले पर चीन, पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र के साथ बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए।

रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान संकट को लेकर एंटनी ब्लिंकन ने सर्गेई लावरोव को अमेरिकी प्रशासन द्वारा अब तक उठाए गए कदमों, विशेष रूप से अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को निकालने और गंभीर मानवीय मुद्दों को हल करने के बारे में जानकारी दी।

रॉयटर्स के मुतातबिक, रूसी विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा, 'दोनों देशों के विदेश मंत्री चीन, पाकिस्तान और अन्य संबंधित देशों और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श जारी रखने पर सहमत हुए ताकि नए हालात में एक समावेशी अंतर-अफगान वार्ता के लिए आधार तैयार किया जा सके।'

तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद अमेरिका और अन्य देशों को अपने नागरिकों और राजनयिकों को निकालने को मजबूर होना पड़ा। लेकिन रूस ने कहा कि तालिबान ने आश्वासन दिया है कि रूसी दूतावास सुरक्षित है और वो अपना संचालन जारी रख सकता है।
आरआईए समाचार एजेंसी के मुताबिक, अफगानिस्तान से भागने के लिए सोमवार को काबुल में लोग बेहताशा एयरपोर्ट पर भागते दिखे। वहीं रूसी राजदूत दिमित्री झिरनोव ने कहा कि काबुल में स्थिति सुरक्षित और शांत है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि लावरोव ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ फोन पर भी बात की और अफगानिस्तान की स्थिति और क्षेत्र के लिए इसके प्रभावों के बारे में राजनीतिक समन्वय पर चर्चा की।

अमेरिका का बाइडेन प्रशासन भी रूस और चीन के संपर्क में है। काबुल हवाई अड्डे से अमेरिकियों, अन्य विदेशियों और जोखिम वाले अफगानों को निकालने के दौरान हाथापाई की घटना के बीच अफगानिस्तान में स्थिति बिगड़ती जा रही है।

न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के मुताबिक अमेरिका ने यह संपर्क तब साधा है जब यह कहा जा रहा है कि तालिबान को अलग-थलग करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने में मॉस्को और बीजिंग दोनों में से कोई एक या दोनों गतिरोध खड़ा कर सकते हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को अपने चीनी और रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से सुरक्षा स्थिति सहित अफगानिस्तान के तमाम घटनाक्रमों पर बात की। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि काबुल में अपना दूतावास खाली करने और शेष राजनयिकों को हवाई अड्डे पर स्थानांतरित करने के एक दिन बाद एंटनी ब्लिंकन ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से फोन पर बात की।

चीन ने हाल के हफ्तों में तालिबान के साथ काम करने में रुचि दिखाई है जबकि अफगानिस्तान में रूस का अपना इतिहास है। इससे पहले सोमवार को, चीन ने कहा था कि काबुल में उसका दूतावास खुला है और वह अफगान पुनर्निर्माण में सहायता करने को तैयार है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय यह नहीं कहेगा कि बीजिंग तालिबान को नई सरकार के रूप में मान्यता दे या नहीं, लेकिन यह जरूर कहा कि चीन को अफगान लोगों की पसंद का सम्मान करना चाहिए।

रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि लावरोव और ब्लिंकन ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ के देश छोड़ने, मौजूदा सरकारी निकायों और सत्ता परिवर्तन के बाद अफगानिस्तान में स्थिति पर चर्चा की।