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अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार में कई खूंखार आतंकियों को शामिल किया गया है। इनमें से एक मुल्ला मोहम्मद याकूब है जिसे रक्षा मंत्री बना गया है। मुल्ला मोहम्मद याकूब तालिबान के पहले नेता और संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा है। मुल्ला उमर जो कि IC-814 हाईजैकिंग का मास्टरमाइंड था। तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री हैं।
दरअसल, जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, मृत आतंकी समूह अल उमर मुजाहिदीन के नेता, मुश्ताक अहमद जरगर और ब्रिटिश मूल के अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख को भारतीय जेलों से रिहा कराने के लिए साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक कर लिया गया था।
विमान का अपहरण करने वाले आतंकियों ने 176 यात्रियों को सात दिनों तक बंधक बनाकर रखा था। जिस विमान को हाईजैक किया गया था वो काठमांडू से उड़ान भरी थी और दिल्ली की ओर जा रही थी, लेकिन उसमें पहले से ही सवार आतंकियों ने उसे हाईजैक कर लिया और अफगानिस्तान के कंधार लेकर चले गए। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कहा यह भी जाता है कि इस हाइजैकिंग को पाकिस्तान की सैन्य खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन हासिल था।
तालिबान की ओर से गठित नई सरकार में ऐसे कई चेहरे हैं जो ये पाकिस्तान के मुहर को दर्शाते हैं। खासकर याकूब और कुछ अन्य जैसे सिराजुद्दीन हक्कानी, आंतरिक मंत्री और मुल्ला हसन अखुंद की नियुक्ति, जिन्हें अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने आंतकवादी घोषित कर रखा है।
मुल्ला मोहम्मद याकूब, जो अब रक्षा मंत्री हैं, को मई 2021 में तालिबान सैन्य आयोग का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था। सिराजुद्दीन हक्कानी और मुल्ला याकूब दोनों एक ऐसी सरकार चाहते थे जिसका सैन्य दृष्टिकोण हो, जहां नेतृत्व सेना के पास रहे, न कि बरादर द्वारा समर्थित राजनीतिक तत्व, जो दोहा समूह का हिस्सा थे। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, याकूब समूह का नेता बनने की महत्वाकांक्षा रखता है।
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