उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (up Assembly election 2022) से ठीक पहले मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने साफ कर दिया है कि वे भाजपा में वापसी नहीं करेंगे। मौर्य ने कहा कि वे 14 जनवरी को अपने पत्ते खोलेंगे। मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने भाजपा से बातचीत की गुंजाइश के बारे में कहा कि अब कमान से निकला तीर वापस नहीं आ सकता है। अब तो 14 जनवरी का इंतजार करें। उन्होंने कहा कि वह अपनी उस बात पर कायम हैं जिसमें उन्होंने सिर्फ मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कही थी। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि वह 14 जनवरी को अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे। 

मौर्य की बेटी डॉ. संघमित्रा ने दी ऐसी सफाई

बता दें कि मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ मौर्य की तस्वीर वायरल हुई थी। इसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि वे भाजपा छोड़कर सपा का दामन थामने जा रहे हैं। हालांकि मौर्य की बेटी डॉ. संघमित्रा मौर्य (sanghamitra maurya) ने सफाई दी थीै कि उनके पिता अभी किसी दल में शामिल नहीं हुये हैं और जल्द ही वह आगे की रणनीति को सार्वजनिक करेंगे। उन्होंने दलील दी कि पिता की सहमति के बगैर ही सोशल मीडिया पर जारी की गयी तस्वीर के आधार पर यह प्रचारित करना शुरू कर दिया गया कि मौर्य, सपा में शामिल हो गये हैं। अखिलेश (Akhilesh Yadav) के साथ उनकी तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर डा संघमित्रा ने कहा था कि 2016 में भी जब उनके पिता ने बसपा छोड़ी थी, तब सबसे पहले शिवपाल यादव ने इसी तरह अपने साथ उनकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल की थी।

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने साधा निशाना

वहीं यूपी के वरिष्ठ मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह (Siddharth Nath Singh) ने स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर निशाना साधा है। उन्होंन कहा कि भाजपा के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पांच वर्षों में मंत्री के रूप में कभी भी पिछड़ी जातियों, दलितों या युवाओं के हितों की अनदेखी करने वाली राज्य सरकार के बारे में कोई चिंता नहीं जताई। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने काम नहीं किया और आखिरी मिनट में चीजें होने की उम्मीद की, वे भी समझ गए कि उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं। उसी के कारण पार्टी छोडकऱ चले गए। उन्हें पता था कि उन्हें टिकट नहीं मिलेगा।