स्वेज नहर में मालवाहक जहाज "एमवी एवर गिवेन" को फंसाना भारी पड़ गया है, क्योंकि इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिए उस पर 900 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। यह जहाज स्वेज नहर में 6 दिन तक फंसा रहा था। अब इसको कब्जे में लेने की तैयारी की जा रही है। यह जहाज चीन से नीदरलैंड्स के पोर्ट रोटेरडम जा रहा था। लेकिन रास्ते में तेज हवा की वजह से इस जहाज की दिशा बदल गई और ये फंस गया था। जहाज के फंसने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अब इसे कब्जे में लेने की तैयारी हो रही है।

इससे पहले लीबिया की एक शिपिंग एजेंसी ने भी ट्वीट किया था कि जहाज और उसकी क्रू को मिस्र ने कब्जे में ले लिया है। हालांकि, इस खबर की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। लीबिया की शिपिंग एजेंसी मेडवेव ने ट्वीट कर दावा किया था। उसने ट्वीट में लिखा था, "एमवी एवर गिवेन जहाज को मिस्र ने कोर्ट के आदेश के बाद कब्जे में ले लिया है। कोर्ट ने जहाज के मालिक से 900 मिलियन डॉलर का भुगतान करने को कहा है।"

वहीं, बीएसएम के सीईओ इयान बेवरीज ने स्वेज कैनल अथॉरिटी की तरफ से जहाज को कब्जे में लेने की प्रोसेस शुरू करने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा, "स्वेज कैनल अथॉरिटी का ये फैसला बेहद ही निराशाजनक है। शुरू से ही, बीएसएम और क्रू मेंबर जांच में सहयोग कर रहे हैं। हमने सारा डेटा भी उन्हें दिया है।" उन्होंने कहा कि "हम बस चाहते हैं कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए, ताकि जहाज और क्रू मेंबर स्वेज नहर से निकल सकें।"

फिलहाल एमवी एवर गिवेन जहाज मिस्र की ग्रेट बिटर लेक में है। ये तब तक वहां रहेगा जब तक स्वेज कैनल अथॉरिटी और जहाज के मालिक के बीच सुलह नहीं हो जाती। बीएसएम के प्रवक्ता ने बताया कि जहाज में मौजूद सभी क्रू मेंबर पूरी तरह से स्वस्थ हैं और सभी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। बीएसएम भी लगातार क्रू और उनके परिवार से संपर्क में है। इस जहाज के क्रू मेंबर में 25 भारतीय भी शामिल हैं। 

बीएसएम के प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिकन ब्यूरो ऑफ शिपिंग (ABS) ने जहाज का इन्स्पेक्शन किया था और इसे पूरी तरह फिट बताया था। उन्होंने कहा कि जांच के बाद जहाज को रोटेरडम जाने के लिए फिट माना गया था। बीएसएम ने बताया कि शुरुआती जांच में जहाज में कार्गो डैमेज या इंजन फेल्योर की रिपोर्ट नहीं मिली है।

एमवी एवर गिवेन जहाज की बात की जाए तो इसकी गिनती दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक जहाज में होती है। ये जहाज पनामा का है। इसे 2018 में बनाया गया था। इस जहाज की लंबाई 400 मीटर यानी 1,312 फीट और चौड़ाई 59 मीटर यानी 193 फीट है। इस लिहाज से ये दुनिया की सबसे बड़ी कार्गो शिप है। इस जहाज से एक बार में 20 हजार से ज्यादा कंटेनर ले जाए सकते हैं।