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अमेरिका के अमेजन नदी की शकरमाउथ कैट फिश बहुत ही डेनजर फिश है। यह जहां रहती है वहां लोकल मछलियों का वंश ही खत्म हो जाता है। अमेरिका से अब यह भारत में डेरा डालना शुरू कर दिया है। भारत देश की पवित्र नदी गंगा में न सिर्फ स्थायी रूप से डेरा डाल लिया है बल्कि अब तो भारी मात्रा में पनपने भी लगी हैं। यूपी के चंदौली के सकलडीहा ब्लाक के महड़ौरा गांव में गंगा किनारे बड़े आकार की शकरमाउथ कैटफिश के रूप में मिला है।
अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि बीते एक साल में तीन अन्य स्थानों पर गंगा में मिली कैटफिश की तुलना में लगभग दूने आकार की है। बरसात में गत वर्ष करीब साढ़े तीन इंच आकार वाली कैटफिश राजघाट, सूजाबाद और मारकंडेय महादेव के निकट ढकवां में पाई गई थीं। इन तीनों ही स्थानों से काफी दूर चंदौली में मिली कैटफिश करीब सात इंच लंबी पाई गई है। वजन तीन सौ ग्राम से अधिक बताया जा रहा है।
मत्यविज्ञानी डा. अरविंद मिश्र ने बताया कि बरसात के मौसम में इतने बड़े आकार की कैटफिश का मिलना गांगेय मछलियों की कई प्रजातियों के लिए खतरे की घंटी है। भाकुर, रोहू, कतला, नयन जैसी गंगा की मछलियां बरसात में अंडे देती है और प्रजनन करती है। शकरमाउथ कैटफिश उन्हीं अंडों को चट कर जाती है जिससे वंश खत्म हो जाता है। प्रधानमंत्री के स्वच्छता दूत गंगा प्रहरी दर्शन निषाद ने बताया कि महड़ौरा गांव के एक मछुआरे ने यह कैटफिश पकड़ी है।
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