/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2022/01/12/01-1641985385.jpg)
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP assembly elections) से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक और बड़ा झटका लगा है। स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के इस्तीफे के बाद अब श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद के बाद वन मंत्री दारा सिंह चौहान (dara singh chauhan) ने भी आज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। दारा सिंह मऊ जिले की मधुबन विधानसभा सीट से विधायक हैं। उन्होंने राज्यपाल को भेजी चिट्ठी में योगी सरकार (Yogi Sarkar) पर दलितों, पिछड़ों और युवाओं की अनदेखी का आरोप लगाया है।
इस वजह से दिया भाजपा से इस्तीफा
दारा सिंह चौहान (dara singh chauhan) ने कहा, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के मंत्रिमंडल में वन पर्यावरण और जन्तु उद्यान मंत्री के रूप में मैंने पूरे मनोयोग से अपने विभाग की बेहतरी के लिए कार्य किया, किन्तु सरकार की पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के साथ-साथ पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, उससे आहत होकर मैं उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह दारा सिंह चौहान भी बीजेपी में आने से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) (BSP) के नेता थे। 2015 में वह बसपा का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। तीन के बार के सांसद को तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई थई। चौहान को ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष भी बनाया गया। मधुबन विधानसभा सीट से जीतने के बाद उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
मौर्य ने कहा: परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है
बता दें कि विधानसभा चुनावों से ठीक पहले लगातार हो रहे इस्तीफों से भाजपा में खलबली मच चुकी है। वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) को डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने दारा सिंह चौहान (dara singh chauhan) के इस्तीफे पर ट्वीट करते हुए लिखा कि परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है जाने वाले आदरणीय महानुभावों को मैं बस यही आग्रह करूंगा कि डूबती हुई नाव पर सवार होने से नुकसान उनका ही होगा। बड़े भाई दारा सिंह जी आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करिए। इससे पहले भी केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद ट्वीट कर लिखा था कि वह नहीं जानते कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने किन कारणों से इस्तीफा दिया मगर जल्दबाजी में लिए गए फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं, इसलिये उनसे आग्रह है कि उन्हें बैठकर बात करनी चाहिये।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |