अरबपति कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने अंतरिक्ष की दुनिया में रोज नया मुकाम हासिल कर रही है। अब स्पेस एक्स की नई योजना के अनुसार अंतरिक्ष में पांच हजार से ज्यादा जीवों को ले जाया जाएगा और उन पड़ने प्रभाव और बदलाव से वैज्ञानिकों को शोध में मदद मिलेगी।

जानकारी के मुताबिक 3 जून को लॉन्च होने वाले अंतरिक्ष मिशन में, स्पेसएक्स रॉकेट फाल्कन 9 अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 5 हजार वाटर बियर और 128 ग्लोइंग बेबी स्क्विड ले जाएगा। इन खास छोटे जीवों के अलावा कार्गो रिसप्लाई मिशन में 7300 पाउंड से अधिक सामान भी शामिल होगा जिसमें क्रू सप्लाई, नए सोलर पैनल्स और व्हेकिल हार्डवेयर शामिल हैं। फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने वाला इस मिशन इन जीवों को उनकी विशेष क्षमताओं के कारण अंतरिक्ष में ले जाएगा। अंतरिक्ष यात्रा उन्हें कैसे प्रभावित करती है, इसका अध्ययन करने से वैज्ञानिकों को मनुष्यों पर अंतरिक्ष यात्रा के प्रभाव को समझने और माइक्रोग्रैविटी के प्रतिकूल प्रभावों के लिए कारगर उपाय खोजने में मदद मिलेगी।

कंपनी ने ऐसे जीवों को चुना है जो असाधारण वातावरण मेंभी जीवित रहने में सक्षम हैं। इनमेंटार्डीग्रेड्स, जिन्हें ‘वाटर बियर’ या ‘मॉस पिगलेट’ के रूप में भी जाना जाता है। ये सूक्ष्म जीव होते हैं जिनका आकार कभी भी 1.5 मिलीमीटर से बड़ा नहीं होता। ये असाधारण वातावरण में भी जीवित रहने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। ये उन जगहों पर भी जीवित रह सकते हैं जहां ज्यादातर जीवों के लिए जीवन संभव नहीं होता। महासागरों की गहराई से लेकर पर्वतों की ऊंचाई तक, हर जगह पाए जाने वाले ये जीव घातक रेडिएशन, अत्यधिक पानी, हवा की कमी और बिना खाने के जिंदा रह सकते हैं। सितंबर 2007 में जब उन्हें आखिरी बार स्पेस में भेजा गया था तब वो अंतरिक्ष के निर्वात से गुजरकर अपनी क्षमता पहले ही दिखा चुके हैं।

अंतरिक्ष से उनके संपर्क के 10 दिनों के बाद इनके 68 फीसदी नमूने रीहाइड्रेशन के 30 मिनट के भीतर दोबारा जीवित हो गए। नासा ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि हम यह समझने के लिए बेहद उत्सुक हैं कि इस तरह के वातावरण में टार्डिग्रेड कैसे जीवित हैं और कैसे प्रजनन कर रहे हैं और क्या हम उनकी तरकीबों के बारे में कुछ सीख सकते हैं और उन्हें अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा ग्लोइंग बेबी बॉबटेल स्क्वीड भी अंतरिक्ष जाने वाला है जिसमें चमकने की विशेष क्षमता होती है। इसके लिए उनके शरीर के भीतर रहने वाले बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं। इनमें इंसानों की तरह ही इम्यून सिस्टम होता है। अंतरिक्ष यात्रा से इन पर पडऩे वाले प्रभाव इंसानों पर स्पेस ट्रैवल के असर को समझने में मदद करेंगे।