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असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भारत की स्टार मुक्केबाज एम.सी.मैरी कॉम को एशियन वुमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी है।
बता दें कि बुधवार को मैरी कॉम ने वियनताम के हो ची मिन्ह में चल रही एशियन वुमन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत लिया है। बुधवार को हुए फाइनल मुकाबले में पांच बार की विश्व चैंपियन मैरी कॉम ने कोरिया की किम ह्यांग मी को 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता। मैरी कॉम इस प्रतियोगिता में अब तक 6 पदक हासिल कर चुकी है। इनमें से पांच स्वर्ण और एक रजत पदक शामिल है।
Hearty congratulations to MC Mary Kom for clinching Gold medal at Asian Women's Boxing Championship in Vietnam. Heartening to see @MangteC's, mother of 3 & brand ambassador @AIBA_Boxing, indomitable spirit.
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) November 8, 2017
तीन बच्चों की मां और लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता 35 वर्षीय मैरी कॉम ने साल 2003, 2005, 2010 और 2012 में गोल्ड मेडल जीता था। साल 2008 में उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा था। मैरी कॉम पिछले 5 साल से 51 किलो भार वर्ग में भाग लेती रही है लेकिन इस बार उन्होंने 48 किलो भार वर्ग में हिस्सा लिया। इस कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीतकर मैरी कॉम ने इतिहास रचा है। उन्होंने जापानी बॉक्सर को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। राज्यसभा सांसद मैरी कॉम ने क्वार्टरफाइनल में चीनी ताइपे की मेंग चिए पिन को हराकर अंतिम चार में जगह बनाई थी। उन्होंने करीब एक साल बाद रिंग में वापसी की है। यह 2014 एशियाई खेलों के बाद मैरी कॉम का पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक है।
2014 में इंचियोन में एशियाई खेलों के 51 किलोग्राम वर्ग में मैरी कॉम ने स्वर्ण पदक जीता था। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला थीं। वे 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई नहीं कर पाई थी। रियो ओलंपिक में नहीं जा पाने के बाद कई लोगों को लगा था कि अब बतौर मुक्केबाज मैरी कॉम का करियर खत्म हो गया लेकिन एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में स्वर्ण पदक हासिल कर उन्होंने दिखा दिया है कि वे अभी भी भारत में महिला मुक्केबाजी का चेहरा है। दोनों मुक्केबाज पहले राउंड से आक्रामक थी।
दोनों ने एक दूसरे पर बढ़त बनाने की कोशिश की। हालांकि मैरी कॉम शुरुआत में ज्यादा दबाव में दिखी। दूसरे राउंड में भी किम हावी रही लेकिन मैरी कॉम के रक्षात्मक तकनीक के सामने किम की एक न चली। तीसरे राउंड में भी किम ने अपना आक्रमण जारी रखा लेकिन अनुभवी मैरी कॉम किम के हमलों से सफलतापूर्वक खुद का बचाव करती रहीं। मैरी कॉम के बेहतर तरीके से रिंग कवर करने और मौका मिलने पर प्वाइंट बटोरने की उनकी रणनीति बेहद सफल रही।
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