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सिंघु बॉर्डर लिंचिंग (Singhu border murder case) की घटना के दूसरे आरोपी और परमिंदर सिंह (Parminder Singh) के रूप में पहचाने गए निहंग सिख (Nihang Sikh) ने शनिवार को पंजाब के अमृतसर जिले के जंडियाला गुरु में एक गुरुद्वारे में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। स्थानीय पुलिस को आरोपी की ओर से गुरुद्वारे में अरदास करने और अनुष्ठान के बाद खुद को आत्मसमर्पण करने की अनुमति देने के लिए धैर्य दिखाना पड़ा।
इससे पहले उन्होंने अमृतसर में अकाल तख्त पर नतमस्तक होकर सरेंडर करने की घोषणा की थी। परमिंदर सिंह का नाम लखबीर सिंह की हत्या (Lakhbir Singh murder) में शामिल है, जिसने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की परिधि में सिंघु सीमा (Singhu border murder case) पर किसानों के विरोध स्थल पर कथित तौर पर बेअदबी की थी। आत्मसमर्पण के समय उनके साथ गई उनकी पत्नी ने मीडिया को बताया कि परिवार को अपने पति के कृत्य पर कोई पछतावा नहीं है।
उन्होंने कहा, यह बेअदबी पर दंडित करने के लिए एक अधिनियम है। जो कोई भी अपवित्रता के कार्य में शामिल होगा, हम उनके साथ इस तरह से व्यवहार करेंगे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को बाद में आगे की जांच के लिए हरियाणा पुलिस (Haryana Police) को सौंप दिया गया है। इससे पहले, एक अन्य निहंग सिख, जिसकी पहचान सर्वजीत सिंह के रूप में हुई, ने नृशंस हत्या की जिम्मेदारी ली थी और हरियाणा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसे शनिवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
यह घटना शुक्रवार की तडक़े हरियाणा और दिल्ली को विभाजित करने वाली सिंघु सीमा पर हुई, जब पंजाब के तरनतारन जिले के निवासी लखबीर सिंह (30) को कथित तौर पर सरबलो ग्रंथ - एक पवित्र सिख धार्मिक ग्रंथ - का अपमान करने के कारण बेहरमी से मार दिया गया। निहंगों की ओर से लखबीर पर सरबलो ग्रंथ को अपवित्र करने का आरोप लगाया गया है। कथित बेअदबी की घटना के बाद मौके पर मौजूद लोग हिंसक हो गए और अराजकता के माहौल के बीच उक्त व्यक्ति का हाथ भी काट दिया गया।
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