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कमरे को गर्म रखने के लिए हीटर लगाने से कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे प्रदूषकों को छोड़ते हैं, जिससे शिशुओं के मस्तिष्क और अंगों को नुकसान पहुंचता है। कमरे में लगातार हीटर का इस्तेमाल बच्चों के साथ ही वयस्कों के स्वस्थ्य के लिए भी हानिकारक है। बुजुर्गों और अस्थमा के रोगियों के लिए खतरा है जो और कई तरह के सांस के रोगों को जन्म देता है। यह बलगम को जमा देता है। खांसी बढ़ जाती है।
हीटर हवा में मौजूद प्राकृतिक नमी को सोख लेती है। इससे त्वचा में सूखापन और खुरदुरापन लाती है। त्वचा पर खुजली और लाल निशान हो सकते है। बच्चे के कमरे में हीटर का इस्तेमाल से बच्चे की स्किन और नाक को नुकसान पहुंचा सकता है। त्वचा पर चकत्ते पड़ सकते है और नाक बह सकती है।
ऐसे में कमरे में एक बाल्टी पानी भरकर रखें। इससे नमी की कमी नहीं रहेगी। हीटर ज्यादा तेज नहीं चलाएं। हीटर चलाते समय दरवाजे खोलकर ही रखें। बंद कमरे में हवा जहरीली हो जाती है। सबसे अच्छा है इसके साथ ही हीटर की सर्विसिंग भी समय पर करवाते रहें। हीटर के लगातार चलने से आंखों की नमी भी खत्म होने लगती है। आंखों में जलन और खुजली शुरू हो जाती है। इसलिए आंखें मसलने की जगह पानी के छीटें मारते रहें।
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