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अरुणाचल प्रदेश में लाइफ लाइन कही जाने वाली सियांग नदी के पानी के काले पड़ जाने की वजह से आम नागरिकों के साथ जीव-जंतुओं को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने शनिवार को सियांग नदी के पानी का निरीक्षण किया था जिसके बाद उन्होंने इसे दूषित बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर से लोगों को आगाह किया था। साथ ही इसे पीने योग्य न बताते हुए स्थानीय प्रशासन से इस स्थिति पर रिपोर्ट सौंपने को कहा था।
इसके साथ ही खांडू ने पीएमओ, विदेश मामलों की मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बीजेपी के नैशनल ट्विटर पेज को टैग करके समस्या से रूबरू कराया था। सियांग नदी के पानी के काले पड़ जाने को लोग अलग-अलग तरह से देख रहे हैं।
Atop the newly inaugurated @BJP4India office in the heart of Yingkiong town in Upper Siang district, which is close to India-China border. pic.twitter.com/AsRYOgqCAD
— Pema Khandu (@PemaKhanduBJP) December 4, 2017
सेंट्रल वाटर कमीशन को विदेशी सीमा के पार नदी के जल की जांच करने का अधिकार भी नहीं है। जिले के डेप्युटी कमिश्नर ने बताया कि पानी में सीमेंट जैसा कुछ मिला है। इसलिए वह पानी इस्तेमाल करने लायक नहीं रहा। उन्होंने बताया कि लगभग डेढ़ महीने पहले नदी में कई मछलियां भी मर गई थीं।
पानी के रंग में बदलाव उत्तरी सियांग जिले में स्थित गेलिंग में नोटिस किया गया था। यह वही पॉइंट है जहां से नदी भारत में प्रवेश करती है। पानी के दूषित होने की वजह से अरुणाचल प्रदेश स्थित डेइंग इरिंग मेमोरियल वाइल्डलाइफ सेंचुरी में प्रवासी पक्षियों का आवागमन कम हुआ है।
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर के लोगो को शक है कि अरुणाचल प्रदेश पानी के दूषित होने की वजह चीन भी हो सकता है लेकिन चीन ने इससे साफ इनकार कर दिया जिसके बाद इस घटना को लेकर इलाके के लोगो मे टेंशन माहौल है।
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