कर्नाटक के शिवमोगा जिले में बीती देर रात को ट्रक में भरकर ले जाए जा रहे विस्फोटक में धमाका हो गया। हादसे में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई। धमाका इतना तेज था कि आस-पास के क्षेत्रों में भी झटके महसूस किए गए। माना जा रहा है कि ट्रक में भरकर ले जाए जा रहे विस्फोटक में यह धमाका हुआ। विस्फोटक खनन के उद्देश्य से ले जाए जा रहे थे। गौरतलब है कि शिवमोगा बेंगलुरु से करीब 350 किलोमीटर दूर स्थित है।

शिवमोगा के जिला कलक्टर के बी शिवकुमार ने बताया कि धमाके में आठ लोगों की मौत हुई है। यह हुनासोडु गांव में एक रेलवे क्रशर साइट पर हुआ डायनामाइट का धमाका था। धमाका शिवमोगा शहर से करीब 5-6 किलोमीटर की दूरी पर हुआ था। अभी पुलिस मौके पर है और इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। धमाके से न केवल शिवमोगा बल्कि पास के चिक्कमगलुरु और दावणगेरे जिलों में भी झटके महसूस किए गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि विस्फोट इतना तेज था कि घरों की खिडक़ी के शीशे टूट गए और सडक़ों पर भी दरारें आ गईं। धमाके से ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो और भूगर्भ वैज्ञानिकों से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने बताया कि भूकंप नहीं आया है। हालांकि शिवमोगा के बाहरी इलाके में ग्रामीण पुलिस थानांतर्गत हंसुर में विस्फोट हुआ था।

इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर लिखा कि शिवमोगा में हुए हादसे से आहत हूं। इसके अलावा कार्यालय की ओर से मृतकों के परिवारजनों के प्रति शोक जताया गया। इसके अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने ट्वीट किया कि इस दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त से कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि धमाके की आवाजा इतनी तेज थी कि डर और घबराहट के कारण लोग घरों से बाहर आ गए। एक दूसरे से इस बात की चर्चा करने लगे कि आखिर ये आवाज कैसी थी। हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा है कि ये भूकंप था या कुछ और? गौरतलब है कि पिछले साल मई में भी बेंगलुरु में तेज आवाज हुई थी, जिससे लोग डर गए थे। बाद में पता चला कि भारतीय वायु सेना के एक लड़ाकू जेट ने परीक्षण के दौरान सॉनिक बूम बैरियर को तोड़ दिया था। इस बार भी लोग ऐसे ही कयास लगा रहे थे, लेकिन अब तस्वीर कुछ और ही लग रही है।