अब पुरानी कार देकर नई खरीदने पर उसका रजिस्ट्रेशन बिल्कुल फ्री होगा क्योंकि सरकार ने नई स्कीम जारी की है। आपको बता दें कि अगले साल से यह पॉलिसी लागू हो रही है। अब 15 साल से पुरानी कमर्शियल गाड़ियों का रखरखाव थोड़ा महंगा हो जाएगा। लेकिन पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप में देने पर सरकार इंसेंटिव भी मिल सकता है।

नए नियमों के तहत पुरानी कमर्शियल गाड़ियों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल करना कई गुना तक महंगा हो जाएगा। पुरानी निजी गाड़ियों के लिए रजिस्ट्रेशन रीन्यू कराने की लागत 8 गुना बढ़ जाएगीण् इतना ही नहीं पुरानी गाड़ियों पर रोड टैक्स के अलावा ग्रीन टैक्स भी अलग से लिया जाएगा।

सड़क परिवहन मंत्रालय स्क्रैपेज पॉलिसी का ऐलान अगले दो हफ्ते में कर सकती है। अगर कोई अपनी पुरानी कार का रजिस्ट्रेशन को रीन्यू कराना चाहता है तो उसके चार्ज में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव है। स्क्रैपेज पॉलिसी में फिटनेस फीस, ग्रीन टैक्स का प्रावधान है। पुरानी गाड़ी रखने पर आपको ग्रीन टैक्स देना होगा। ग्रीन टैक्स रोड टैक्स का 10.25 परसेंट तक हो सकता है। इस पॉलिसी को लागू करने का जिम्मा राज्यों पर होगाए जबकि वाहन री-रजिस्ट्रेशन चार्ज 10 गुना तक बढ़ेगा।

खबर हे कि कमर्शियल गाड़ियों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जो अभी कैब के लिए 2000 रुपये में मिल जाता है उसके लिए 7500 रुपये देने होंगे। वहीं, ट्रकों को 12500 रुपये देना होगा। फिटनेस सर्टिफिकेट पर हर साल इतनी मोटी रकम खर्च करना लोगों के लिए परेशानी का सबब है।

देश में अब 20 साल से पुराने वाहन नहीं चलेंगे। व्हीकल्स स्क्रैपेज पॉलिसी के जरिए सरकार सड़कों से पुरानी गाड़ियों को हटाना चाहती है। लेकिन इसका दूसरा पहला सकारात्मक भी है। नई स्क्रैपेज पॉलिसी में पेनाल्टी के साथ-साथ लोगों को इंसेंटिव भी मिल सकता है। पुराने वाहनों के स्क्रेपैज को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन फीस को माफ कर सकती है। इसके साथ ही राज्यों से रोड टैक्स में छूट देने को कहा जा सकता है।

नई नीति के मुताबिक 20 साल से अधिक पुराने पेट्रोल इंजन वाहन और 15 साल से पुराने डीजल इंजन वाहन जो टेस्ट में फेल हो जाएंगे उन्हें स्क्रैप कर दिया जाएगा। स्क्रैपिंग सेंटर और ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर स्थापित करने के लिए सरकार गाइडलाइंस जारी करेगी।