
असम के मुख्यमंत्री ने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेट) प्रमुख परेश बरुआ से शांति वार्ता में शामिल होने और भारतीय लोकतंत्र का हिस्सा बनने की अपील की है। बता दें कि सोनोवाल ने कोकराझार जिले में 18वें बोडोलैंड दिवस के तहत आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उल्फा (आई) प्रमुख से यह आह्वान किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रतिबंधित उल्फा (इंडिेपेंडेंट) से बातचीत करने के मुद्दे पर पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री और असम के मुख्यमंत्री के बीच चर्चा हुई थी। यह बात खुद नेडा अध्यक्ष हिमंता बिस्वा सरमा ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही थी। वहीं दूसरी ओर परेश बरुआ ने हाल में एक स्थानीय टेलीविजन चैनल से कहा था कि अगर सरकार की ओर से एक पंक्ति की भी चिट्ठी आती है और असम की संप्रभुत्ता की उसकी मांग, चर्चा का एजेंडा बनता है तो वह बातचीत को तैयार है।
सोनोवाल ने कहा कि 2016 में राज्य की बागडोर संभालने के समय उनकी सरकार ने असम को उग्रवाद मुक्त करने का लक्ष्य तय किया था। उन्होंने कहा कि इस प्रतिबद्धता की वजह से कई उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल हुई है। वहीं खुद शांति वार्ता समर्थक उल्फा के महासचिव अनूप चेतिया ने भी असम के लोगों के हित में सरकार और उल्फा (आई) प्रमुख परेश बरुआ से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की।
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