शिवसेना सांसद संजय राउत ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Sanjay Raut meets Priyanka Gandhi) से 10 जनपथ पहुंचकर मुलाकात की।शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Assembly Elections) और गोवा (Goa Assembly Elections) में शिवसेना और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर विचार किया जा रहा है।

इससे पहले ठीक पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी गोवा और उत्तराखंड में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) (TMC) से अलग कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के गठबंधन की सरकार है। संजय राउत ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा था कि राहुल गांधी को आगे आना चाहिए बाकी पार्टी से बात करने के लिए। कांग्रेस के बिना कोई अलग फ्रंट संभव नहीं।

ममता बनर्जी के थर्ड फ्रंट के नेतृत्व करने को लेकर संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा, चुनावों पर हुई बात है .. बात राष्ट्र राजनीति की भी हो रही है। यूनाइटेड फ्ऱंट की बातचीत को लेकर शरद पवार काफी हैं। प्रियंका गांधी से कल मुलाकात है ...विपक्ष का एक ही फ्ऱंट होना चाहिये ..कई फ्ऱंट हुए तो काम नहीं होना। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में तीखा संपादकीय लिखा था। सामना के संपादकीय में लिखा गया था कि कांग्रेस को राष्ट्रीय राजनीति से दूर रखना और इसके बिना संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के समानांतर विपक्षी गठबंधन बनाना सत्तारूढ़ बीजेपी और फासीवादी ताकतों को मजबूत करने जैसा है। यह सही है कि ममता बनर्जी ने बंगाल में कांग्रेस, वामपंथी दल और बीजेपी का सफाया कर दिया है, लेकिन कांग्रेस को राष्ट्रीय राजनीति से बाहर रखना एक तरह से मौजूदा फासीवादी ताकतों को मजबूत करना और बढ़ावा देना ही है। संजय राउत की कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। खासतौर पर ऐसे समय में जब टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और पार्टी के राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर लगातार कांग्रेस पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। साथ ही पार्टी का विस्तार करने के लिए लगातार टीएमसी में कांग्रेस के नेताओं को शामिल कराया जा रहा है।