चीनी कंपनियों तगड़ा झटका लगा है क्योंकि भारतीयों पसंद अब सैमसंग और लावा अन्य ब्रैंड्स बन चुके हैं। देश में चल रहे एंटी-चाइना सेंटिमेंट्स के बीच ग्राहकों के सबसे पसंदीदा स्मार्टफोन ब्रैंड्स Samsung और Lava बनकर उभरे हैं। सीएमआर इनसाइट्स द्वारा देशभर में किए गए एक सर्वे में यह खुलासा हुआ। इस सर्वे को टियर-I और टियर-II शहरों में कंडक्ट किया गया ताकि बॉर्डर पर जारी तनातनी के बीच मार्केट के मूड को समझा जा सके। इस सर्वे में पता चला कि हर दो में से एक यूजर चीनी स्मार्टफोन के विकल्प की तलाश कर रहा है। टियर -I शहरों की तुलना में टियर-II शहरों में एंटी-चाइना सेंटिमेंट ज्यादा है।
इंडस्ट्री कंसल्टिंग ग्रुप, CMR के हेड सत्या मोहंती ने कहा, 'जो कंज्यूमर और रिटेलर नैशनल थीम को लेकर जुनूनी हैं, उनके लिए चीनी ब्रैंड की जगह ग्लोबल ब्रैंड जैसे सैमसंग, नोकिया और घरेलू ब्रैंड लावा स्पष्ट विकल्प बन गए हैं।'
सर्वे में इस बारे में कई रोचक बातें सामने आईं। एक-तिहाई से ज्यादा यूजर्स ने कहा कि वे उन रिटेलर्स का बायकॉट करेंगे जो चीनी फोन्स बेचते हैं। सैमसंग, ओप्पो, वीवो और लावा कंज्यूमर्स का कहना है कि वे उनकी डिवाइसेज से खुश हैं। 48 फीसदी लोग जो स्मार्टफोन खरीदन सकते हैं वे चीनी ब्रैंड्स की जगह लावा जैसे विकल्प देख रहे हैं। लावा को पसंद करने के पीछे सबसे बड़ी वजह उनका मेड इन इंडिया R&D और डिजाइन होना है।
सीएमआर की रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया है। जिसके चलते लोग ब्रैंड्स को बदल रहे हैं। ऐसा होने से शाओमी, रियलमी, ओप्पो, वीवो और दूसरी कंपनियों को नुकसान हो सकता है। फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि इस बदलाव से देश में चीनी ब्रैंड्स और उनकी बिक्री पर कितना असर पड़ता है।