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कंडोम बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी की बिक्री में पिछले 2 साल में 40 फीसदी की गिरावट आई है. कंपनी ने पहले अनुमान लगाया था कि कोरोना काल में लोग तमाम बंदिशों की वजह से घरों में रहेंगे, जिससे उसके कंडोम की सेल्स बढ़ेगी. कंपनी ने सोचा था कि सेल्स में डबल डिजिट में तेजी देखने को मिलेगी, जबकि हुआ उल्टा और उसकी सेल्स में तगड़ी गिरावट आ गई.
कारेक्स बीएचडी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोह मिआह किआट ने इसकी जानकारी दी है. निक्केई एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक होटलों और गैर जरूरी क्लिनिक्स जैसे सेक्सुअल वेलनेस सेंटर के महामारी के दौरान बंद रहने, सरकार के कंडोम को बढ़ावा देने के कार्यक्रम में कमी की वजह से कारेक्स के कंडोम की बिक्री में कमी आई है. कारेक्स मलेशिया की कंपनी है जो दुनिया में हर 5 में से 1 कंडोम बनाती है.
2020 में भारत में 6 गुना तक बढ़ी थी सेल्स
कोरोना वायरस की पहली लहर में मार्च 2020 से लॉकडाउन की वजह से पूरा देश अपने घरों में कैद रहा. ऐसे में बहुत सारे लोग अपने घरों में कैद हो गए. इसे लेकर डिलीवरी ट्रेंड्स की एक रिपोर्ट आई, जिसके मुताबिक कोरोना काल में लोगों ने घरों में रहने के दौरान जमकर कंडोम और रोलिंग पेपर खरीदा. वहीं एशिया की कंडोम बनाने की सबसे बड़ी कंपनी कारेक्स के लिए पिछले दो साल बेहद खराब रहे.
भारत में कितना बड़ा है कंडोम का बिजनस?
भारत में 2017 में एक समय ऐसा भी आया था जब कुछ समय के लिए कंडोम के विज्ञापन टीवी पर दिखाने पर तमाम प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन बाद में सब फिर से नॉर्मल हो गया. वैसे इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि आज भी बहुत सारे लोग कंडोम खरीदने में झिझक महसूस करते हैं, लेकिन बावजूद इसके नीलसन की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंडोम भारत में कंडोम का कारोबार करीब 1500 करोड़ रुपये है.
कितने लोग इस्तेमाल करते हैं कंडोम?
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार करीब 97.9 फीसदी सेक्शुअली एक्टिव पुरुष कंडोम की अहमियत को समझते हैं, जबकि सिर्फ 94 फीसदी ही कंडोम के इस्तेमाल को लेकर जागरूक हैं. ग्रामीण लोग डरते हैं कि कंडोम उनकी क्षमता को घटा सकता है. भारत में कंडोम के कुल कारोबार में ग्रामीण हिस्सेदारी की बात करें तो करीब 30 फीसदी का बिजनस ग्रामीण क्षेत्रों से आता है.
भारत में डीलक्स निरोध है कंडोम का पहला ब्रांड
भारत में 1968 में पहले कंडोम ब्रांड डीलक्स निरोध की शुरुआत हुई थी. यह परिवार नियोजन अभियान को लेकर एक बड़ा कदम रहा. निरोध की मदद से 1964 में भारत की आबादी 2.40 फीसदी की दर से बढ़ रही थी, जो 2005 तक गिरकर 1.80 फीसदी हो गई. बात अगर 2015 तक की करें तो आबादी की रफ्तार और गिरकर 1.26 फीसदी हो गई है. यह कंडोम एचएलएल लाइफकेयर की तरफ से बनाया जाना है, जो भारत सरकारी की हेल्थकेयर प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी है.
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