देश भर में इन्फ्लूएंजा के जारी दौर के बीच एंटीबायोटिक दवाओं और कफ सिरप की बिक्री में तेजी से वृद्धि हुई है। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के मुताबिकफरवरी में एंटीबायोटिक्स, कफ सिरप और एंटी-इनफेक्टिव्स की बिक्री 20-25 फीसदी बढ़ी।

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जनरल एआईओसीडी के सचिव राजीव सिंघल का कहना है कि खांसी, सर्दी, इन्फ्लूएंजा संक्रमण के कारण फरवरी में दवाओं की बिक्री में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पेरासिटामोल, एजिथ्रोमाइसिन और बुखार की कफ सिरप की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। PharmaTrac डेटा से पता चलता है कि फरवरी में संक्रमण-रोधी की खरीद 12.5 प्रतिशत बढ़कर 22,883 करोड़ रुपये हो गई, जबकि सांस संबंधी बीमारियों की दवाईयों की बिक्री पिछले महीने 8.1 प्रतिशत बढ़कर 14,880 करोड़ रुपये हो गई।

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कुछ दिन पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा था कि देश में कोविड के मामलों में कमी आ रही है, लेकिन वायरल संक्रमण अब भी तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण एच3एन2 वायरस है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कुछ मामलों में खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और यहां तक कि दस्त जैसे लक्षणों वाले रोगियों की संख्या में अचानक वृद्धि की सूचना दी। इसने डॉक्टरों को यह भी सलाह दी कि वे एंटीबायोटिक्स लिखने से परहेज करें और बीमारी के आधार पर ही उपचार का सहारा लें। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा था कि आमतौर पर संक्रमण करीब पांच से सात दिनों तक रहता है। तीन दिन के बाद बुखार उतर जाता है, लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है।