
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। लेकिन इसका सीधा असर आपकी जेब पर होगा। भारतीय सीमा से 5000 किलोमीटर दूर इस लड़ाई का ऐलान होते ही शेयर बाजार में गिरावट और सोने की कीमत में तेजी के रूप में असर दिखाई दे चुका है। अब आने वाले समय में इसका असर घरेलू बाजार में कई चीजों पर पड़ना तय है।
भारत गैस की जरूरत के लिए प्राकृतिक गैस के रूप में यूक्रेन पर निर्भर है। घरेलू डिमांड की आधी जरूरत यूक्रेन से आने वाली नेचुरल गैस से पूरी होती है। युद्ध के लंबे समय तक चलने से प्राकृतिक गैस के रेट बढ़ना तय है। इससे सीएनजी और रसोई गैस की कीमत 10 से 15 रुपये तक बढ़ सकती हैं।
कच्चे तेल के दाम बढ़कर 7 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। इससे पहले 2014 में क्रूड ऑयल 105 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था। पिछले ढाई महीने में क्रूड की कीमत में रिकॉर्ड तेजी आई है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल के रेट में तेजी आना तय है। जानकारों के मुताबिक तेल कंपनियां चुनाव बाद 15 रुपये तक कीमतें बढ़ा सकती हैं।
दोनों देशों के बीच लड़ाई से फसलों का उत्पादन पर असर पड़ेगा। यूक्रेन और रूस दुनिया में एक चौथाई गेहूं निर्यात करते हैं। ऐसे में सूरजमुखी, पाम और सोया तेल की सप्लाई पर भी असर पड़ेगा। यूक्रेन और रूस से भारत जरूरत का 90 प्रतिशत तेल आयात करता है। फरवरी में अब तक इसका बिल्कुल आयात नहीं हुआ। आयात कम होने से बाजार में खाने के तेल की कीमत में उछाल आना तय है।
जंग का ऐलान होने के बाद कारों और मोबाइल में यूज होने वाली पैलेडियम धातु के दाम भी बढ़ने की उम्मीद है। यूक्रेन में तनाव के कारण इसकी कीमत पहले से ही बढ़ रही हैं। पैलेडियम का सबसे ज्यादा प्रोडक्शन रूस में ही होता है। इसका कीमत बढ़ने का असर मोबाइल फोन और कारों की कीमत के रूप में हो सकता है।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |