नई दिल्ली। दुनिया में एकबार फिर खतरनाक वायरस का कहर बरपा सकता है। क्योंकि 48500 साल पुराना वायरस ​फिर से एक्टिव हो गया है। यह वायरस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है। इस वायरस का नाम जोम्बी वायरस है। 48500 सालों से ये वायरस बर्फ में जमा पड़ा था, लेकिन अब फिर से एक्टिव हो गया है। इसके पीछे का कारण पर्माफ्रास्ट का बदलता स्वरूप विषय है। पर्माफ्रॉस्ट के वातावरण में ऑक्सीजन की कमी होती है। यहां प्रकाश भी प्रवेश नहीं करता है। लेकिन आर्कटिक का तापमान बाकी ग्रह की तुलना में चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है। इसी वजह से पर्माफ्रॉस्ट की परतें कमजोर हो रही हैं और ये वायरस जिंदा हो रहा है।

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2003 में हुई थी वायरस की खोज

किम्बरली ने पहली बार इस वायरस की खोज 2003 में की थी। ये वायरस इतने छोटे होते हैं कि उन्हें खुली आंखों से देखना असंभव है। इस वायरस को देखने के लिए लाइट माइक्रोस्कोप का प्रयोग किया जाता है। पर्माफ्रॉस्ट में जमे हुए वायरस का पता लगाने के लिए रूसी वैज्ञानिकों की एक टीम ने 2012 में एक गिलहरी में पाए गए 30,000 साल पुराने बीज ऊतक से एक वाइल्डफ्लावर को पुनर्जीवित किया था। इन वैज्ञानिकों ने 2014 में इस वायरस को पुनर्जीवित करने में सफलता प्राप्त की थी। उनकी टीम ने इस वायरस को पर्माफ्रॉस्ट से अलग किया।

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पांच नए वायरस खोजे

रूसी वैज्ञानिकों की इस टीम ने 5 नए वायरस की खोजे और उन्हें जिंदा किया है। इनमें से सबसे पुराना वायरस 48 हजार साल पुराना है। इसको मिट्टी के नीचे से निकाला गया है। आपको बता दें कि इनमें से सबसे कम उम्र का वायरस भी 27 हजार साल पुराना है। ये वायरस अमीबा को संक्रमित कर सकता है तथा इंसानों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।