रूस में बनी कोरोना वायरस की वैक्सीन अब भारत में बनाई जाएगी और हर साल 10 करोड़ डोज बनेंगी। इसके लिए रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड और भारत की दवा कंपनी हेटरो ने कोरोना की वैक्सीन स्पूतनिक 5 तैयार करने के लिए करार किया है। यह करार भारत में हर साल 10 करोड़ डोज बनाने का है। प्रोडक्शन की शुरुआत अगले साल से होगी।

स्पूतनिक 5 को रूस के गैमेलेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने बनाया है। विदेश में इसके प्रोडक्शन और प्रमोशन का काम देख रहा है। वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी मिल चुकी है। ये ट्रायल बेलारूसए यूएईए वेनेजुएला समेत कई देशों में चल रहे हैं। आईडीआईएफ के मुताबिकए भारत में दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल जारी है।

इस वैक्सीन के 120 करोड़ डोज बनाने के लिए 50 से ज्यादा देश रिक्वेस्ट कर चुके हैं। ग्लोबल मार्केट में सप्लाई के लिए वैक्सीन का प्रोडक्शन भारतए चीनए ब्राजीलए साउथ कोरिया और दूसरे देशों में किया जाएगा।

हेटरो लैब्स लिमिटेड के डायरेक्टरए इंटरनेशनल मार्केटिंग मुरली कृष्ण रेड्डी ने कहा कि कोविड 19 के इलाज में स्पूतनिक ट सबसे कारगर है। वैक्सीन तैयार करने के लिए आरडीआईएफ के साथ इस पार्टनरशिप से हमें बहुत खुशी है। यह पार्टनरशिप कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारे कमिटमेंट और मेक इन इंडिया कैम्पेन के मकसद को पूरा करने के लिए एक और कदम है।

आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रिएव ने कहा कि हमें हेटरो के साथ समझौते का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है। इससे भारत में सेफ और सबसे ज्यादा इफेक्टिव कोरोना वैक्सीन के प्रोडक्शन का रास्ता साफ होगा। हेटरो के साथ पार्टनरशिप के लिए धन्यवाद। इससे हम प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने और कोरोना के इस चैलेंजिंग पीरियड में भारत के लोगों को बेहतर हल देने में मदद मिलेगी।