सैटेलाइट तस्वीरों से बड़ा खुलासा हुआ है कि रूस आर्कटिक महाद्वीप में महाविनाशक हथियार जमा कर रहा है। खबर है कि कुछ दिन पहले रूसी नौसेना की तीन बैलिस्टिक मिसाइल परमाणु पनडुब्बी आर्कटिक पहुंची थीं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बकायदा इसका वीडियो जारी कर दुनिया को जानकारी दी थी। अब सीएनएन की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रूस ने आर्कटिक में अपने मिलिट्री बिल्डअप को खासा बढ़ा लिया है। इतना ही नहीं, रूस इस इलाके में नए-नए हथियारों का टेस्ट भी कर रहा है।

रूस आर्कटिक के उत्तरी तट को सुरक्षित करने के साथ-साथ एशिया से यूरोप के लिए एक प्रमुख शिपिंग मार्ग खोलने के लिए भी काम कर रहा है। रूसी सेना के हथियारों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों ने पोसाइडन 2 एम 39 टारपीडो के बारे में विशेष चिंता जताई है। इस टॉरपीडो का विकास रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रहा है। फरवरी में रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने इस टॉरपीडो के फरवरी में हुए एक टेस्ट को की स्टेज बताया था। 

यह मानवरहित स्टील्थ टॉरपीडो एक परमाणु रिएक्टर के जरिए शक्ति को प्राप्त करता है। जिससे यह दुश्मन के इलाके में अंदर तक घुसकर लंबे समय तक खुफिया जानकारी को जुटा सकता है। इतना ही नहीं, इसमें परमाणु विस्फोटक भी लगे होते हैं, जिससे यह दुश्मन के किसी ठिकाने पर हमला भी कर सकता है। 

रूसी अधिकारियों का कहना है कि इस डिवाइस की मदद से कई मेगाटन के परमाणु हथियारों से हमला किया जा सकता है। इससे दुश्मन के समुद्री किनारों पर रेडियोएक्टिव पदार्थों को भी फैलाया जा सकता है, जिससे निकली रेडियोएक्टिव तरंगे दशकों तक हमला किए गए समुद्र तट को जीव-जंतुओं से विहीन कर सकती है।